जयपुरः अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) आरक्षण में गुर्जर समाज के लिए आ रही रुकावटों को दूर करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर गुर्जर समाज का आंदोलन रविवार को आठवें दिन भी जारी रहा। आंदोलन के कारण दिल्ली-मुम्बई रेल ट्रेक पर रविवार को आठवें दिन भी ट्रेन सेवा बाधित रही। साथ ही, गुर्जर बाहुल्य इलाकों में राजस्थान रोडवेज की बसों का संचालन नहीं हो पाया। सरकार की तरफ से मंत्री अशोक चांदना ने कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को वार्ता का न्योता दिया है।
आरक्षण सहित विभिन्न मांगों को लेकर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अगुवाई में गुर्जर समाज के लोग एक नवंबर से बयाना तहसील क्षेत्र के पीलूपुरा गांव में दिल्ली-मुंबई रेल ट्रेक की पटरियों पर बैठकर आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन की वजह से रेल सेवा बाधित हुई है। रेल यातायात बाधित होने से दीपावली पर बाहर से आने-जाने वाले लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार देर शाम एक बार फिर करौली जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग और एसपी मृदृल कच्छावा ने हिण्डौन सिटी स्थित कर्नल बैंसला के आवास पर पहुंचकर बंद कमरे में करीब 20 मिनट तक वार्ता की और आंदोलन को खत्म करने की बात कही, लेकिन बात नहीं बन पाई।
सरकार की ओर से प्रेस रिपोर्ट जारी कर खेल एवं युवा राज्य मंत्री अशोक चांदना ने बताया कि मीडिया से ज्ञात हुआ है कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और उनके प्रतिनिधि सरकार के साथ वार्ता के लिए तैयार हैं। पहले भी गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा बयाना में वार्ता के लिए उनको आमंत्रित किया गया था। तत्काल ही भरतपुर पहुंचकर संघर्ष समिति के सदस्यों से वार्ता की थी। कर्नल बैंसला द्वारा उन्हें गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की मांगों के लिए वार्ता के लिए पीलूपुरा में भी आमंत्रित किया गया था। तत्काल ही वे जयपुर से पीलूपुरा के लिए रवाना हुए, लेकिन दुर्भाग्यवश मुलाकात नहीं हो पाई थी। राज्य सरकार गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति से उनकी मांगों के लिए वार्ता के लिए तत्पर है और वार्ता के दरवाजे हमेशा ही खुले हुए हैं।
यह भी पढ़ेंः-इन जिलों के लिए सीएम योगी ने दिए नए निर्देश, कही यह बातउन्होंने बताया कि कर्नल बैंसला और उनके प्रतिनिधि सहित पूरा राज्य जानता है कि ये समय दीपावली के त्यौहार का है और आमजन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कर्नल बैंसला एवं उनके प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए बयाना-हिंडौन में आमंत्रित करता हूं, जिससे उनकी मांगों पर चर्चा कर यथोचित निर्णय लिया जा सके।