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बच्चों का पेट भरने के लिए भीख मांगने को मजबूर हुई गुलनाज

Members of the Muslim community participates in a procession during the Muharram,
 

लखनऊः लॉकडाउन के दौरान जहां तमाम परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया, वहीं एक महिला अपने बच्चों का पेट भरने को भीख मांगने के लिए विवश हो गई। यह संघर्ष उसे पति के होने के बाद भी करना पड़ रहा है। गुलनाज की शादी 8 साल पहले हुई थी। वह उत्तर प्रदेश के झांसी जिले की रहने वाली है। परिवार का भार पड़ते ही पति ने उसे तलाक बोल दिया था। पुलिस ने उसे तीन तलाक कानून के तहत गिरफ्तार किया है।

दरअसल, गुलनाज सिद्दीकी का 8 साल पहले झांसी के रहने वाले अजहर से निकाह हुआ था। शुरू में सब कुछ ठीक-ठाक चला। दो बच्चे होने के बाद दोनों में अनबन शुरू हो गई। लॉकडाउन के शुरुआती दौर में अचानक अजहर अपने परिवार को छोड़कर कहीं चला गया था। गुलनाज और उसके बच्चों के भूख से मरने की नौबत आ गई थी। वह किसी तरह अपने मायके लौट गई। इसके बाद उसने परिवार परामर्श केंद्र पर पति की शिकायत की। अधिकारियों के बुलाने पर आए पति ने यहां भी अपनी पत्नी को तीन बार तलाक कह दिया। यह बात उसे मालूम था कि नए कानून के तहत तीन तलाक पर मनमानी नहीं चलने वाली है। इसके बाद भी उसने तीन बार तलाक कहा। पुलिस ने इसे कई बार समझाया लेकिन वह नहीं माना।

गुलनाज रोती हुई अधिकारियों के सामने अपनी बात रख रही थी। उसने बताया कि मेरा पति शादी के बाद से ही दहेज के लिए प्रताड़ित करता था। कई बार मेरे पिता ने उसे पैसे भी दिए, लेकिन वह परिवार की जिम्मेदारियों से मुंह चुराता था। अभी लॉकडाउन के पहले वह घर छोड़कर चला गया था। परिवार की भूख से मरने की नौबत आ गई थी। मैंने भीख मांगकर बच्चों का पेट भरा। अभी भी मैं बच्चों की वजह से यह रिश्ता खत्म नहीं करना चाहती, इसीलिये महिला परामर्श केंद्र पर आई हूं।

दांव पर लगा बच्चों का भविष्य

गुलनाज के दो बच्चों में सात वर्ष की बेटी और साढ़े चार वर्ष का बेटा है। पति-पत्नी के इस विवाद के चलते इन मासूमों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। गुलनाज अपने परिवार को टूटने से बचाने के लिये सभी जतन कर रही थी, लेकिन उसका पति तीन तलाक के सिवाय किसी की सुनने को तैयार नहीं था। महिला ने बताया कि मुस्लिम महिला विवाह अधिकार अधिनियम-2019 से उम्मीद जगी थी, लेकिन उसके पति को इस कानून का भी खौफ नहीं था। उसका पति कह रहा था कि मुझे खुदा को मुंह दिखाना है।

आरोपी ने अधिकारियों की नहीं सुनी

मंडलोई पुलिस का कहना था कि महिला परामर्श केंद्र में अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। मामले के निराकरण के लिए उसके पति को बुलाया गया था। परामर्श के दौरान ही उसने तीन तलाक कहकर अपनी पत्नी को तलाक दे दिया था। मुस्लिम महिला विवाह अधिकार अधिनियम-2019 के तहत अजहर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

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2019 के बाद से कम हुए तलाक

आकंड़े कहते हैं कि भारत में कुल तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं का प्रतिशत 23.3 था। 2011 के सेंसस पर एनजीओ इंडियास्पेंड के एनालिसिस के मुताबिक, भारत में तलाकशुदा महिलाओं में 68 फीसदी हिंदू और 23.3 फीसदी मुस्लिम हैं। मुसलमानों में तलाक का तरीका सिर्फ ट्रिपल तलाक को ही समझ लिया गया है। हालांकि ट्रिपल तलाक से होने वाले तलाक का प्रतिशत बहुत कम है। 2019 के बाद से इसमें कमी आई है।