Home प्रदेश नशे की लत के शिकार युवाओं से बढ़ रहा अपराधों का ग्राफ

नशे की लत के शिकार युवाओं से बढ़ रहा अपराधों का ग्राफ

उज्जैन: अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। जिसका मूल कारण इन दिनों युवा नशीले पदार्थों के गिरफ्त में है। शहर में नशे का कारोबार फल रहा है। यह कहना है जिला कांग्रेस कार्यवाह अध्यक्ष सुबोध स्वामी का।

बुधवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इन दिनों शहर में लगातार अपराधों में इजाफा हो रहा है। कभी दिन दहाड़े चैन स्केचिंग की घटना तो कभी चोरियों की वारदातों से जनता भय के साये में जीने को विवश है। स्वामी ने अपनी बात के पक्ष में तर्क देते हुए बताया कि इस मामले में गत दिनों भाजपा के लोगों ने एक ज्ञापन देकर यह मसला उठाया था। लेकिन उसके बाद उस पर अंकुश लगना तो दूर, इस प्रकार के अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है। जिला स्तर के नेता ने यह सवाल उठाया है कि जब सत्ता पक्ष के लोगों ने जिस बुराई की ओर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया और प्रशासन उस पर अंकुश नहीं लगा पाया। यह प्रमाण यह सिद्ध करता है कि यह ज्ञापन मात्र कारोबारियों से स्वार्थ सिद्ध करने का एक तरीका था।

नशे की गिरफत में युवा

युवा कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष स्वामी ने औद्योगिक नगर में बढ़ रही इस बुराई के पीछे मूल कारण युवाओं में नशे की लत बताया है। उनका कहना है कि शहर में लगातार नशे का कारोबार बढ़ता जा रहा है। युवा नशीले पदार्थों के दीवाने हो गए हैं। ऐसी स्थिति में नशा करने के लिए युवा लोग चोरियां एवं चैन स्केचिंग जैसे घटनाओं को अंजाम देने से बाज नहीं आ रहे हैं। नशे की मुराद को पूरा करने के लिए युवाओं के पास अपराध करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। यदि पुलिस प्रशासन नशे की इन कारोबार के खिलाफ कार्यवाही करें तो अपराधों पर लगाम लगेगी। भाजपा के लोगों ने भी इस कारोबार को रोकने की मांग की थी, लेकिन यह धंधा इन दिनों परवान पर है। जिसका खामियाजा अब जनता को भुगतना पड़ रहा है।

स्वामी ने सत्ता पक्ष के लोगों से जवाब मांगा है कि क्या वे जनता को आश्वसत करेंगे कि शहर में गांजा एवं अवैध शराब सरे आम सड़कों पर बिक रहा है। उन्होंने जिम्मेदारों के ज्ञापन का मखौल उड़ाते हुए बताया कि सत्ता पक्ष के लोगों के द्धारा पुलिस प्रशासन को ज्ञापन देने की बजाय सीधे पुलिस को निर्देश देना था कि इस प्रकार की गतिविधियों पर तुरंत रोक लगाई जाए। लेकिन लाभ-शुभ के गणित में जनता को इस बुराई से ज्ञापन के एक माह के बाद भी निजात नहीं मिल सकी है। नतीजा यह हुआ कि पुलिस प्रशासन ने ज्ञापन को अनदेखा कर दिया। ऐसी स्थिति में यह शहर नशे का एक सुरक्षित स्थान बनता जा रहा है।

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सांझ ढलते छलकते प्याले

शहर में कई ठिकाने ऐसे हैं, जहां पर सांझ ढलते ही प्याले झलकते दिखते हैं। जिसमें से कुछ स्थान तो रिहायशी कॉलोनियों के बीच में है। शहर के मध्य महिदपुर रोड पर मनोहर वाटिका के पीछे के हिस्से में यह नजारा देर रात तक चलता है। बायपास मार्ग पर वीरान पड़ा जन्मेजय नवीन बस स्टैंड प्रांगण भी इस प्रकार की गतिविधियों का अड्डा बन गया है। यहां पर रात के अंधेर में खूब महफिल जमती है। बिड़लाग्राम में बंद भारत कॉमर्स उद्योग की भूमि पर भी इस प्रकार के नजरे आम हो गए हैं।

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