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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की अपील, कैंसर से बचाव को प्रतिवर्ष अपनी जांच कराएं महिलाएं

लखनऊः राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि हमारे भारतीय परिवेश में महिलाएं अपने खान-पान और स्वास्थ्यगत समस्याओं के प्रति ज्यादा सावधान नहीं रहती हैं। कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका पता इसके अंतिम स्तर तक पहुंच जाने पर चलता है और तब महिला की जीवन रक्षा कठिन हो जाती है। ये कोरोना से अधिक भयानक रोग है। राज्यपाल शुक्रवार को राजभवन में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के ब्रेस्ट सर्वाइकल कैंसर जागरूकता व शीघ्र निदान कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि महिला की मृत्यु से पूरा परिवार बिखर जाता है, जिससे सर्वाधिक बच्चे प्रभावित होते हैं।

उन्होंने अपील की कि कैंसर से बचाव के लिए महिलाएं प्रतिवर्ष अपनी जांच कराएं, ताकि इस रोग का प्रारम्भिक स्टेज में ही पता लग सके और समय से उनके समुचित इलाज से जीवन रक्षा की जा सके। राज्यपाल ने कहा कि एसजीपीजीआई, लखनऊ इस दिशा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज यह कार्यक्रम महिलाओं के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिये एक सामुदायिक प्रयास है। एसजीपीजीआई ने अगले दो वर्षों में लखनऊ जनपद की मोहनलालगंज तहसील में स्तन और सर्वाइकल कैंसर जागरूकता और प्रारंभिक जांच कार्यक्रम चलाने की कार्य योजना बनाई है। इसका लाभ निश्चित रूप से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को मिलेगा। राज्यपाल ने कहा कि आज देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर इस अभियान का शुभारम्भ किया जा रहा है, जो पूरे साल महिलाओं को ब्रेस्ट व सर्वाइकल कैंसर से बचाने के अभियान को समर्पित रहेगा। उन्होंने अपील की कि इस अभियान को सभी जिलों में अधिकारियों, अस्पतालों, चिकित्सा छात्रों से जोड़ा जाये। विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं को निशुल्क जांच और चिकित्सीय परामर्श की जानकारी देकर जांच के लिए जागरूक किया जाए।

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राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों में रक्तदान शिविर लगाकर छात्रों को रक्तदान के लिए प्रेरित करने, क्षयरोग ग्रस्त बच्चों की चिकित्सीय देखभाल और पोषण के लिए गोद लेने तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों को बच्चों के अनुकूल व्यवस्था तथा आकर्षक सज्जायुक्त कराने हेतु गोद लेने को भी कहा। कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुए एस.जी.पी.जी.आई. के निदेशक प्रोफेसर आर.के. धीमान ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय के मुख का कैंसर है। यह भारत की महिलाओं को होने वाला दूसरा सबसे अधिक सामान्य कैंसर है, जो कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में अधिक होता है। ये ह्यूमन पैपीलोमा वायरस के कारण होता है। उन्होंने कहा कि इस रोग के प्रारम्भिक अवस्था में पता लग जाने पर 90 प्रतिशत लोगों को इलाज से पूर्ण स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हो जाता है। उन्होंने बताया कि भारत में इस रोग के प्रभाव को कम करने के लिए अभियान चलाकर कार्य करने की आवश्यकता है और इसी के दृष्टिगत एस.जी.पी.जी.आई. द्वारा यह दो वर्षीय पायलट प्रोजेक्ट बनाया गया है। इसके तहत लखनऊ की मोहनलालगंज तहसील की महिलाओं की स्क्रीनिंग की जायेगी। कार्यक्रम में स्तन कैंसर विशेषज्ञ तथा एसजीपीजीआई के चीफ मेडिकल सुपरिटेंडेंट डाक्टर गौरव अग्रवाल ने स्तन कैंसर के लक्षणों तथा शीघ्र पहचान कर इलाज कराने के बारे में जानकारी दी।

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