Himachal: अब लकड़ी तस्करों की खैर नहीं! आधुनिक तकनीक से नजर रखेगी सरकार

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शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार लकड़ी तस्करों पर नकेल कसेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश से लकड़ी की तस्करी से निपटने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए वन विभाग की चौकियों को पुलिस सीमा चौकियों के साथ एकीकृत करने के निर्देश जारी किए हैं। रविवार को वन विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने लकड़ी तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए इन एकीकृत चौकियों पर सीसीटीवी निगरानी सहित अत्याधुनिक तकनीक अपनाने पर जोर दिया।

सुक्खू ने कहा कि लकड़ी की तस्करी से प्रदेश सरकार को राजस्व का नुकसान होता है। उन्होंने वन विभाग को लकड़ी के अवैध व्यापार को रोकने के लिए सक्रिय एवं सख्त कदम उठाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि वन और पुलिस चौकियों के एकीकरण से लकड़ी चोरी के खिलाफ व्यापक निगरानी और प्रभावी उपाय सुनिश्चित होंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के वन उत्तरी भारत को प्राणवायु प्रदान करते हैं और वन राज्य की बहुमूल्य संपत्ति हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हुई भारी बारिश के कारण राज्य की वन संपदा को काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने वन विभाग को वन भूमि से गिरे हुए पेड़ों को तुरंत हटाने और उनका उचित निपटान सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया।

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मुख्यमंत्री ने प्रदेश के पांच वन प्रभागों में खैर के पेड़ों के कटान की कार्ययोजना की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि वन विभाग इस कार्ययोजना पर तत्परता से कार्य करें तथा वर्षा ऋतु समाप्त होने के बाद समयबद्ध ढंग से इसका क्रियान्वयन करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इस साल मई महीने में सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के पांच वन मंडलों ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, नालागढ़ और कुटलैहड़ में खैर के पेड़ों के कटान की अनुमति दे दी है।

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