भोपालः मध्य प्रदेश में इलाज के दौरान मरीज की मौत होने पर निजी अस्पताल (private hospitals) संचालक अब बकाया बिल वसूलने के लिए शव देने से इनकार नहीं कर सकेंगे। उन्हें शव परिवार को सौंपना होगा। इतना ही नहीं, मृतक के परिवार की जरूरतों को समझते हुए संबंधित शहरी निकाय से समन्वय कर नि:शुल्क शव वाहन उपलब्ध कराना भी अस्पताल संचालक की जिम्मेदारी होगी। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को नई गाइडलाइन जारी कर दी है।
शव के परिवहन की व्यवस्था
राज्य स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की अनुशंसा पर यह व्यवस्था दी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक, निजी अस्पताल में मृत्यु के बाद परिवार की आवश्यकता के अनुसार मृतक के परिवहन की उचित व्यवस्था करनी होगी। इसके लिए स्थानीय शहरी निकाय से समन्वय स्थापित करना होगा और शव के परिवहन की निःशुल्क व्यवस्था करनी होगी। चिकित्सा बिलों के भुगतान के अभाव में मृतक के शव को बंधक नहीं रखा जाएगा।
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सख्त कार्रवाई के निर्देश
भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि निजी नर्सिंग होम संचालकों को विभाग द्वारा जारी निर्देशों से अवगत करा दिया गया है। निजी अस्पताल में मृत्यु के बाद परिवार की आवश्यकता के अनुसार मृतक के परिवहन की उचित व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए स्थानीय शहरी निकाय के समन्वय से शवों के परिवहन की निःशुल्क व्यवस्था की जाएगी। अगर ऐसी जानकारी मिलती है कि मेडिकल बिल का भुगतान नहीं होने के कारण मृतक के शव को बंधक बना लिया गया है, तो विभाग संबंधित निजी अस्पताल के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा।
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