भोपालः कांग्रेस ने शिवराज सरकार द्वारा प्रदेश की जनता से की जा टैक्स उगाही पर सवाल उठाते हुए कहा है कि भाजपा सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के टैक्सों के माध्यम से वसूली की जा रही है। स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर भी जनता से बहुत ज्यादा टैक्स वसूल किया जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अवनीश बुंदेला ने का शुक्रवार को कहना था कि संपत्ति की रजिस्ट्री कराने पर स्वच्छ भारत अभियान के तहत सरकार सेस टैक्स वसूलती है और स्वच्छ भारत अभियान का ढिंढोरा पिटते के नाम पर घर-घर जाकर कचरा उठाने का भी पैसा लेती है। प्रदेश की शिवराज सरकार नगर निगम के माध्यम से रहवासियों से कॉलोनीवासियों से 360 रु प्रति वर्ष कचरा उठाने का लेती थी, अब उस राशि को बढ़ाकर 720 रू. कर दिया गया है जो जतना पर सीधा बोझ है। राज्य सरकार ने इस संबंध में न तो कोई सूचना दी और न ही विज्ञापन जारी किया और राशि को सीधा दोगुना कर दिया।
कांग्रेस नेता ने शिवराज सरकार से सवाल किया है कि क्या ऐसे ही देश में स्वच्छ भारत अभियान का सपना कारगर होगा? क्या ऐसे ही यह अभियान लंबे समय तक चलेगा? उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तानाशाही सामने आयी है लोग जब अपना संपत्ति कर जमा करने गये तो उनको कचरा उठाने की राशि 360 रुपये के स्थान पर 720 रू. का बिल थमाया जा रहा है। यानि अब नये वित्तीय वर्ष 2022 से कचरा उठाने के लिए नगर निगम को 360 के स्थान पर 720 रूपये जमा करने होंगे। राज्य सरकार द्वारा गुपचुप तरीके से टैक्स बढ़ाया जाना प्रदेश की जनता के साथ सरासर अन्याय है।
श्री बुंदेला ने कहा कि गत वित्तीय वर्ष 2021-22 मैं राज्य सरकार ने संपत्तिकर की दर 10 प्रतिशत से बढ़ाने की घोषणा की थी, परंतु जब उपभोक्ता संपत्ति कर जमा करने जा रहे हैं तो उनसे 20 प्रतिशत राशि वसूली जा रही है। इसका मतलब सरकार खुद अपने आदेशों से इतर काम कर रही है। यह सब वसूली तब की जा रही है जब प्रदेश की जनता 260 रुपया लीटर खाने का तेल, महँगा डीज़ल-पेट्रोल, एलपीजी गैस खऱीद रही हो, और उस पर कचरा उठाने का खर्चा भी डबल हो, इससे ऐसा प्रतीत होता है कि शिवराज सरकार प्रदेश की जनता से मुगल काल जैसा जजिया कर वसूल रही है।
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