तालीबान राज में पढ़ेंगी लड़कियां, इस शर्त के साथ बनी सहमति

काबुल: अफगानिस्तान में अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही छात्राओं के लिए एक सकारात्मक खबर सामने आयी है। अफगानिस्तान की सत्ता संभाल रहे तालिबान ने अगले सत्र से लड़कियों के लिए स्कूल-कॉलेज खोलने पर सहमति जताई है।

पिछले वर्ष अगस्त में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से वहां लड़कियों के स्कूल, कॉलेज बंद चल रहे हैं। लड़कियों के सभी विद्यालय तो बंद हैं ही, अफगानिस्तान के 150 विश्वविद्यालय भी बंद चल रहे हैं। इन विद्यालयों, विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राएं लंबे समय से अपने स्कूल, कॉलेज दोबारा खोलने की मांग कर रही थीं। अब तालिबान ने अगले शैक्षिक सत्र से इन संस्थानों को खोलने पर सहमति जताई है।

अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि डेबोरा लियोन के साथ हुई बैठक में मंत्री मौली नूरुल्ला मुनीर ने कहा कि लड़कियों के स्कूल फिर से खोलना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने दावा किया कि वे यह बात अंतरराष्ट्रीय दबाव में आकर नहीं कर रहे हैं। मुनीर ने कहा कि शिक्षा प्राप्त करने सभी छात्राओं का मौलिक अधिकार है। सरकार के रूप में सभी छात्राओं को शिक्षा के अवसर मुहैया कराना तालिबान सरकार की जिम्मेदारी है। ऐसे में मार्च में शुरू होने वाले नए शैक्षिक सत्र में लड़कियों के सभी विद्यालय व सभी सार्वजनिक विश्वविद्यालय फिर से खोले जाएंगे।

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इससे पहले इस महीने की शुरुआत में अफगानिस्तान के शिक्षा मंत्री अब्दुल बकी हक्कानी ने कहा था कि जल्द ही देश के स्कूल-कॉलेज खोले तो जाएंगे, किन्तु लड़के और लड़कियां अलग-अलग पढ़ाई करेंगे।

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