बेगूसरायः केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं गणेश पूजा करने वाली महिला पर फतवा जारी पर एक बार फिर जोरदार हमला किया है। बेगूसराय में गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार को पहचानता कौन था। अटल बिहारी वाजपेयी ने केंद्र में मंत्री बनाकर पहचान दिलाई। दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री बनाया। आजतक कभी भी नीतीश कुमार अकेले चुनाव लड़कर सत्ता में नहीं आए और नरेन्द्र मोदी को औकात दिखाने चले हैं। इसी को कहा जाता है अपन बियाह नहीं सूरदास का बरतुहारी।
जदयू की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा भाजपा को 50 सीटों पर समेटने की बात कहने पर गिरिराज सिंह ने कहा कि देश के लोगों तक अपनी बात को पहुंचाने के लिए सभी दलों को अपनी बात कहने का आधिकार है। लेकिन कभी अकेले चुनाव नहीं लड़ने वाले नीतीश कुमार किस हैसियत से 2024 में भाजपा को औकात दिखाने की बात करते हैं। नीतीश कुमार लंबे समय से बिहार के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन वह अवसरवादी राजनीति करते हैं, जिससे कभी नहीं मिलने की बात करते थे, आज उसी के साथ गलबहियां कर बैठे हैं। जिस जदयू को 2010 में 85 सीटें मिली थी, वह आज घटकर 43 पर आ गया। लेकिन बात करते हैं दो बार से पूर्ण बहुमत से अपने दम पर प्रधानमंत्री बनकर 24 घंटे देश के लिए जीने-मरने वाले नरेन्द्र मोदी को औकात दिखाने की। गिरिराज सिंह ने अल्पसंख्यक महिला द्वारा गणेश पूजा करने पर फतवा जारी होने तथा असदुद्दीन ओवैसी पर भी एक बार फिर जोरदार अटैक किया है।
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गिरिराज सिंह ने कहा कि यही तो कट्टरवादिता की निशानी है, जो समाज को जोड़ नहीं सकते, वे तोड़ने का काम करते रहते है। कोई भी धर्म जब कट्टरता की ओर जाता है तो यह उस धर्म का विनाश तय है। सनातन हिंदू धर्म ही एक ऐसा धर्म है, जिसमें जो एकादशी करते वह भी हिंदू और जो नहीं करते हैं वह भी हिंदू हैं। हम तो कभी बाध्य नहीं करते कि कोई हिन्दु कहां पूजा करें, जिसकी जब जहां इच्छा हो वह पूजा करें। रिद्धि सिद्धि दायक सद्बुद्धिदाता गणेश की जब कोई पूजा करती हैं तो वे फतवा जारी करते हैं। यह कट्टरवादिता कभी भी समाज को जोड़ नहीं सकता है, सिर्फ तोड़ सकता है। गिरिराज सिंह ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी धर्म के नाम पर देश को बांटकर दूसरा जिन्ना बनने की कोशिश कर रहे हैं। सभी व्यक्ति का अपने धर्म के प्रति समर्पण और सम्मान होना चाहिए। लेकिन ओवैसी का समर्पण सर से तन अलग करने के लिए आंदोलन का रूप देने वाला है। ओवैसी पूरे देश में माहौल खराब करना चाहते हैं, देश को फिर से बांटने की कोशिश कर रहे हैं जो अब संभव नहीं है।
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