लखनऊः यूपी STF को बड़ी सफलता मिली है। एसटीएफ ने शुक्रवार का सूरज उगने से पहले ही गोरखपुर के मोस्ट वांटेड विनोद उपाध्याय को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। डिप्टी एसपी दीपक सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ की टीम ने सुल्तानपुर जिले में शुक्रवार तड़के विनोद उपाध्याय को घेर लिया। हालांकि गैंगस्टर ने एसटीएफ से बचने के लिए कई राउंड फायर किए। लेकिन एसटीएफ की जवाबी फायरिंग विनोद घायल हो गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
विनोद पर एक लाख का था ईनाम
बता दें कि गैंगेस्टर विनोद उपाध्याय पर गोरखपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक ने एक 1 लाख रुपए का इनाम था। करीब 7 महीने से एसटीएफ गोरखपुर क्राइम ब्रांच और पुलिस को उसकी तलाश थी। विनोद उपाध्याय की राजनीति में भी पकड़ अच्छी थी। सन 2007 में विनोद उपाध्याय ने गोरखपुर से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। हालांकि वह चुनाव जीतने में असफल रहा।
सुबह 3.30 बजे हुई मुठभेड़
यूपी एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने बताया, शुक्रवार सुबह 3.30 बजे डिप्टी एसपी दीपक सिंह की टीम के साथ सुल्तानपुर में एनकाउंटर हुआ। दरअसल इन दिनों विनोद उपाध्याय का राजधानी लखनऊ समेत दिल्ली एनसीआर प्रयागराज, झारखंड समेत कई जगहों पर रियल एस्टेट का काम चल रहा था। फरारी के दिन वह इन शहरों में ही बिताता था।
इसी बीच अपने काम से प्रयागराज जा रहा था। जहां से उसकी एसटीएफ ने उसकी लोकेशन ट्रेस की। एसटीएफ ने उसे सुल्तानगंज के पास घेरा तो उसने गोली चला दी। देहात कोतवाली इलाके में हुई इस मुठभेड़ में विनोद उपाध्याय गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया। जहां पर इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
ये भी पढ़ें..नाबालिग गाड़ी चलाता मिला तो अभिभावक हो जाएं सजा को तैयार, चलेगा अभियान
68 वोस्ट वांटेड की लिस्ट में था शामिल
योगी सरकार ने 68 वांटेड माफियाओं की जो लिस्ट जारी की थी, उस लिस्ट के टॉप-10 बदमाशों में विनोद उपाध्याय का नाम भी शामिल था। विनोद का मुख्य काम रंगदारी मांगना, जमीन कब्जा करना, ठेकेदारी और सूद पर पैसा देना था। 68 माफियाओं की लिस्ट…अब तक 17 का एनकाउंटर हो चुका है।
पुलिस के मुताबिक, सरकार ने 68 माफियाओं की जो लिस्ट जारी की थी, उसमें अब तक 17 अपराधियों का एनकाउंटर किया जा चुका है। पुलिस के एनकाउंटर रिकॉर्ड की बात करें तो 20 मार्च 2017 से अभी तक प्रदेश भर में अपराधियों के साथ पुलिस की 11,654 मुठभेड़ हुई। एनकाउंटर आंकड़ों के मुताबिक, हर दिन अपराधियों के साथ 5 मुठभेड़ हो रही हैं।
एक हिस्ट्रीशीटर ने दी थी विरोद को पनाह
फरारी के दौरान गोरखपुर के गोरखनाथ थाने का एक हिस्ट्रीशीटर माफिया विनोद को पनाह दिए हुए था। क्योंकि, वह हिस्ट्रीशीटर और विनोद दोनों सूद का कारोबार मिलकर करते थे। दोनों ही बदमाश एक बार फिर राजनीति में हाथ आजमाने की फिराक में थे।
(रिपोर्ट- पवन सिंह चौहान, लखनऊ)
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)