Sundar Bhati , लखनऊ: समाजवादी पार्टी के नेता हरेंद्र नागर और उनके गनर भूदेव शर्मा की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। बताया जा रहा है कि सोनभद्र जेल से रिहा होने के बाद भाटी चुपचाप वाराणसी से दिल्ली के लिए रवाना हो गया। सुंदर भाटी के हरियाणा में छिपे होने की आशंका है। फिलहाल पश्चिमी यूपी की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की टीम उसकी गतिविधियों पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं।
कौन है सुंदर भाटी, जिस पर 60 से ज्यादा मामले दर्ज
बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे प्रभावशाली गैंगस्टरों में से एक माने जाने वाले भाटी गौतमबुद्ध नगर जिले के घंघोला गांव के रहने वाले हैं और उनके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी, डकैती और मारपीट के 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। सोनभद्र में हिरासत में लिए जाने से पहले भाटी हमीरपुर जेल में बंद था, जहां उसने कथित तौर पर अप्रैल 2023 में प्रयागराज में गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के आरोपी तीन बंदूकधारियों में से एक सनी से संपर्क स्थापित किया था। कहा जाता है कि भाटी ने सनी को अपने नेटवर्क में भर्ती किया था।
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Sundar Bhati: अतीक-अशरफ हत्याकांड से संबंध
इस सिलसिले में अतीक-अशरफ मामले से जुड़ी जांच में भाटी का नाम सामने आया है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि भाटी ने शूटरों को तुर्की में निर्मित विदेशी सेमी-ऑटोमैटिक जिगाना पिस्तौल की आपूर्ति की थी। हमीरपुर जेल से रिहा होने के बाद सनी कथित तौर पर भाटी के साथियों के संपर्क में रहा।
आखिरकार उसने भाटी के नेटवर्क के जरिए जिगाना पिस्तौल भी हासिल कर ली। अतीक-अशरफ हत्याकांड के ठीक एक महीने बाद मई 2023 में अपने प्रतिद्वंद्वी अनिल दुजाना की मुठभेड़ में हत्या के बाद गिरोह के सरगना का प्रभाव कथित तौर पर बढ़ गया है।
सपा नेता की हत्या में आजीवन कारावास की मिली थी सजा
माना जाता है कि दुजाना की मौत के बाद भाटी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्क्रैप कारोबार पर अपना नियंत्रण बढ़ाने की कोशिश की थी। भाटी और उसके साथियों ने 2015 में ग्रेटर नोएडा में एक शादी समारोह के दौरान सपा नेता हरेंद्र नागर और उनके गनमैन की गोली मारकर हत्या कर दी थी। 2021 में भाटी और उसके 11 साथियों को हत्याओं के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।