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कोरोना विस्फोट का कारण न बन जाए गंगासागर मेला, उड़ाई जा रहीं प्रोटोकॉल की धज्जियां

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के सागर तट पर लगे ऐतिहासिक गंगासागर मेला में राज्य सरकार पर ही कोरोना रोकथाम के प्रोटोकॉल का पालन न करने के आरोप लग रहे हैं। कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देशानुसार मेला परिसर में केवल उस व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति होगी, जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी होगी या नहीं लगने पर उनके पास आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट होनी चाहिए। कोलकाता के आउट्रामघाट से लेकर दक्षिण 24 परगना के सागर तट तक किसी भी पुण्यार्थी के वैक्सीन सर्टिफिकेट देखने किसी अधिकारी को नहीं देखा गया है।

उत्तर प्रदेश के कौशांबी से गंगासागर स्नान के लिए पहुंचे एक दंपत्ति ने बताया कि कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बारे में उन्हें पहले से जानकारी थी। इसीलिए मेला परिसर में आने से पहले उन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज का सर्टिफिकेट का प्रिंट आउट ले लिया था। दंपत्ति ने दावा किया मेला परिसर में किसी ने इस बारे में कोई पूछताछ नहीं की। उन्होंने बताया कि आरटीपीसीआर जांच कराने वाले काउंटर पर भी कई लोगों को सीधे प्रवेश करा दिया जा रहा है और कुछ लोगों की जांच की जा रही है।

इसी तरह बिहार के छपरा से अपनी दादी और दादा के साथ आए एक युवक ने भी दावा किया कि प्रवेश के समय उनसे केवल पूछा गया लेकिन किसी ने उनके सर्टिफिकेट नहीं देखे और प्रवेश की अनुमति दे दी। झारखंड से आई एक महिला ने बताया कि वैक्सीन सर्टिफिकेट वह अपने पर्स में लेकर आई हैं लेकिन कहीं दिखाने की जरूरत नहीं पड़ी, केवल पूछा गया कि सर्टिफिकेट है या नहीं।

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नागा, साधु व संन्यासियों से भी नहीं हुई कोई पूछताछ

हरिद्वार से पुण्य स्नान के लिए गंगासागर तट पर पहुंचे नाथ संप्रदाय के एक साधु ने बताया कि उनसे वैक्सीन सर्टिफिकेट के बारे में पूछा गया था लेकिन न तो उनके पास सर्टिफिकेट है और न ही उन्हें दिखाने की जरूरत पड़ी। पुलिस वालों ने उन्हें अंदर जाने को कह दिया। ऐसे में गंगासागर परिसर के लिए हाई कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना होने कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा बना हुआ है।

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