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हरियाणा में चार लाख मुर्गियों की संदिग्ध मौत, पोल्ट्री फार्मों की जांच शुरू

चंडीगढ़ः हरियाणा के पंचकूला जिला में चल रहे पोल्ट्री फार्मों में चार लाख से अधिक मुर्गियों की मौत के बाद सरकार ने अलर्ट एवं गाइडलाइन जारी कर दी है।  हरियाणा सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग की एडवाइजरी में सलाह दी गई है कि उपभोक्ता पोल्ट्री या पोल्ट्री उत्पादों को अच्छी तरह से पकाकर खाएं पशुपालन एवं डेयरी विभाग को सूचना मिली है कि पिछले दस दिनों में पंचकूला जिला के बरवाला क्षेत्र में गांव गढ़ी कुटाह और गांव जलोली के पास 20 पोल्ट्री फार्मों में पिछले दस दिनों में करीब चार लाख मुर्गियों की असामान्य मौत हुई है। वहां से नमूने एकत्र किए गए और क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला (आरडीडीएल) जालंधर को भेजे गए जहां से रिपोर्ट का अभी इंतजार है। वैसे भी वर्तमान में आरडीडीएल की टीम भी मुर्गियों के नमूने के लिए पुन: बरवाला क्षेत्र में पहुंच गई है।

अभी तक एवियन इन्फ्लुएंजा की कोई पुष्टि नहीं हुई है। आशंका जताई गई है कि संदिग्ध बीमारियां रानीखेत या संक्रामक लारेंजो-ट्रैक्टिस भी हो सकती हैं। पंचकूला जिला में पोल्ट्री फार्मों में मुर्गियों की कुल संख्या 77,87,450 है जबकि 4,09,970 की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि हालांकि पिछले महीनों की तुलना में पोल्ट्री की मृत्यु दर वर्तमान में अधिक है।

उन्होंने एडवाइजरी का हवाला देते हुए बताया कि पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने एवियन इन्फ्लूएंजा के मामले में पोल्ट्री की खपत के बारे में एक मानक सलाह दी है, जिसमें बताया गया है कि रोग मुक्त क्षेत्रों में पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पादों को सही तरीके से पकाकर खाया जा सकता है। एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस गर्मी के प्रति संवेदनशील है।

भारत में खाना पकाने के लिए उपयोग किए जाने वाला सामान्य तापमान (भोजन के सभी भागों के लिए 70 डिग्री सेल्सियस) वायरस को मार सकता है। पोल्ट्री का उपभोग करने से पहले उपभोक्ताओं को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि पोल्ट्री या अंडे के सभी भाग पूरी तरह से पके हुए हैं या नहीं। पोल्ट्री में उक्त बीमारी की संभावना होने वाले क्षेत्रों में कच्चे अंडे का उपयोग उन खाद्य पदार्थों के साथ नहीं किया जाना चाहिए जो खाने से पहले पूरी तरह से पकाया नहीं जाता है।

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