काठमांडूः माओवादी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने दावा किया है कि उन्हें अमेरिका के इशारे पर सत्ता से हटाया गया है। प्रचंड ने कहा कि Bangladesh की प्रधानमंत्री शेख हसीना को हटाने में अमेरिका का हाथ है। एक महीने पहले से ही उन्हें सत्ता से हटाने की साजिश चल रही थी।
अमेरिका की शर्त न मानने पर हुआ तख्तापलट
माओवादी पार्टी की स्थायी समिति की बैठक में अध्यक्ष प्रचंड ने कहा कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को साजिश के तहत हटाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिकी प्रभुत्व को स्वीकार न करने पर शेख हसीना को सत्ता से हटाकर देश छोड़ने पर मजबूर किया गया। अमेरिकी शर्तों को न मानने पर दो विपरीत राजनीतिक दलों के बीच समझौता कराकर उन्हें रातों-रात पद छोड़ने पर मजबूर किया गया।
प्रचंड ने कहा कि प्रधानमंत्री रहते हुए शेख हसीना पर अमेरिका के महत्वाकांक्षी स्टेट पार्टनरशिप प्रोग्राम (एसपीपी) समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा था। इस समझौते में नेपाल को शामिल कर अमेरिका नेपाल में अपना सैन्य अड्डा बनाना चाहता है। यह सैन्य अड्डा भारत और चीन दोनों के लिए खतरा बन जाता, इसलिए उन्होंने अमेरिकी दबाव को कभी स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में बढ़ता अमेरिकी हस्तक्षेप पूरे क्षेत्र के लिए खतरा है। उन्होंने सभी दक्षिण एशियाई देशों के राजनीतिक नेतृत्व को एकजुट होकर इसका सामना करने का सुझाव भी दिया।
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शेख हसीना ने की भावुक अपील
उल्लेखनीय है कि बाग्लादेश में आरक्षण के मामले पर छात्रों द्वारा आंदोलन किया जा रहा था लेकिन अचानक से आंदोलन इतना भयावाह और हिंसक हो गया कि शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद छोड़ने के साथ ही देश का भी त्याग करना पड़ा और भारत की शरण आना पड़ा। 5 अगस्त से शेख हसीना भारत में ही हैं और अपने देश के नागरिकों के लिए एक भावुक अपील भी की है जिसमें उन्होंने अमेरिका की साजिश का भी खुलासा किया है। उन्होंने जल्द से जल्द वतन लौटने की भी बात कही है।
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