नवादाः बिहार के नवादा जिले की चर्चित राजनीतिक हस्ती व पूर्व मंत्री और करीब तीन दशक तक गोविंदपुर और नवादा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली गायत्री देवी (gayatri devi passed away) का रविवार सुबह निधन हो गया। उन्होंने पटना के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ रविवार को नवादा के मंगर बीघा खुरी नदी घाट पर किया जाएगा । उनके ज्येष्ठ पुत्र व पूर्व विधायक कौशल यादव गायत्री के शव के साथ नवादा पहुंच रहे हैं।
पूर्व मंत्री गायत्री देवी (gayatri devi passed away) पिछले कई दिनों से पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती थीं। उनकी आयु करीब 89 वर्ष की थी। जानकारी के अनुसार उनके ज्येष्ठ पुत्र व विधायक कौशल यादव अन्य परिजनों के साथ गायत्री का पार्थिव शरीर लेकर नवादा के लिए रवाना हो गये हैं। नवादा जिले के मंगर बीघा खुरी नदी घाट पर उनका पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा । जिलाधिकारी उदिता सिंह के निर्देश पर नवादा सदर के वीडीयो अंजनी कुमार की देखरेख में अंतिम संस्कार की मंगर बीघा घाट पर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
उल्लेखनीय है कि गायत्री देवी जदयू नेता और पूर्व विधायक कौशल यादव की मां और पूर्व विधायक पूर्णिमा यादव की सास मां थीं। गायत्री देवी के पति युगल किशोर यादव भी बिहार सरकार में मंत्री रहे थे, जिनकी मौत एक सड़क दुर्घटना में हो गई थी। गायत्री लगभग तीन दशक से ज्यादा समय तक वे नवादा की राजनीति का केंद्र बनीं रही थीं। 27 वर्ष तक विधायक के दौरान वे बिहार सरकार में मंत्री और कांग्रेस की जिलाध्यक्ष भी रहीं।
गायत्री देवी का राजनीतिक करियर
गायत्री देवी का राजनीतिक सफर साल 1970 से शुरू हुआ। साल 1969 में उनके पति युगल किशोर सिंह यादव लोकतांत्रिक कांग्रेस के टिकट पर गोविंदपुर विधानसभा से विधायक बने। उस समय दारोगा राय कैबिनेट में मंत्री भी बने थे। बाद में उनकी असमय मौत हो गई। पति की मौत के बाद उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए वे विधानसभा का चुनाव लड़ीं और वर्ष 1970 में पहली बार गोविंदपुर विधानसभा से निर्दलीय चुनाव जीती। उसके बाद वर्ष 1972 -77 तक कांग्रेस के टिकट पर नवादा की विधायक रहीं।
फिर वर्ष 1980, 85, 90 यानी लगातार 15 साल तक गोविंदपुर से कांग्रेस की विधायक रहीं। उन्हें वर्ष 1995 में प्रोफेसर केवी यादव से हार का सामना करना पड़ा । इसके बाद वे वर्ष 2000 के चुनाव में राजद के टिकट पर गोविंदपुर विधानसभा से ही चुनाव जीतीं। वर्ष 2005 तक विधायक रहने के बाद उनकी राजनीतिक पारी का अंत हुआ। वर्ष 2005 के चुनाव में उनके पुत्र कौशल यादव जीते और परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया। इस प्रकार 27 साल तक गायत्री देवी विधायक रहीं।
पूर्व विधायक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नरेंद्र कुमार ने बताया कि सत्येंद्र नारायण सिंह के मंत्रिमंडल में वह मंत्री रही थीं। उनके निधन से सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में शोक की लहर है। नरेंद्र कुमार संबंधों की चर्चा करते हुए कहा कि हम दोनों के बीच देवर-भाभी के रिश्ते थे। जीवनभर रिश्ते काफी मधुर रहे। पूर्व मंत्री गायत्री देवी को 3 संतानें हैं। दो पुत्र पूर्व विधायक कौशल यादव और विधान चंद्र राय तथा एक पुत्री कुमारी रीता हैं। उनका भरा पूरा परिवार है।
सीएम नीतिश ने जताया शोक
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व मंत्री गायत्री देवी के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की हैं। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि वे एक कुशल राजनेता एवं समाजसेवी थीं। वे मृदुभाषी एवं सरल स्वभाव की महिला थी। उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र अपूरणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने स्व गायत्री देवी के पुत्र पूर्व विधायक कौशल यादव से दूरभाष पर बात कर उन्हें सांत्वना दी। नीतीश ने दिवंगत आत्मा की चिर शांति तथा उनके परिजनों को दुख की इस घड़ी धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
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