लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने संभल हिंसा (Sambhal Violence ) की न्यायिक जांच (Inquisition) कराने का फैसला किया है। सरकार ने इसके लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन (Constitution of Judicial Commission) किया है। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) डीके अरोड़ा की अध्यक्षता वाला आयोग दो महीने में अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा।
Sambhal Violence : सरकार ने मांगे आयोग से सुझाव
इस आयोग में न्यायमूर्ति अरोड़ा के अलावा सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद और पूर्व डीजीपी एके जैन शामिल हैं। संभल में जामा मस्जिद का सर्वे करने गई टीम के लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने क्या इंतजाम किए थे, इसकी भी जांच की जाएगी। आयोग से इस बारे में सुझाव भी मांगे गए हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या किया जा सकता है।
गौरतलब है कि 24 नवंबर को उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर हंगामा किया था। सर्वे टीम पर हमला किया गया था। इसमें पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी घायल हुए थे। कथित गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई वाहन फूंक दिए गए थे।
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Sambhal Violence : अब तक 31 आरोपियों की हो चुकी है गिरफ्तारी
बता दें, पुलिस ने मोबाइल सीसीटीवी फुटेज और ड्रोन कैमरों से मिले वीडियो के आधार पर 100 से अधिक आरोपियों की पहचान की है, जिनमें से अब तक 31 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। संवेदनशील स्थानों पर पुलिस हर आने-जाने वाले व्यक्ति पर विशेष नजर रख रही है। किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि दिखने पर पुलिस तत्काल कार्रवाई कर रही है। शासन की ओर से स्पष्ट निर्देश हैं कि कहीं भी किसी तरह की संदिग्ध स्थिति दिखे तो तत्काल कार्रवाई की जाए।
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