उज्जैन: इन दिनों पूरे देश में होली जश्न है। परंपरा के अनुसार देश में सबसे पहले 24 मार्च रविवार को फाल्गुन पूर्णिमा पर विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर में शाम 7.30 बजे होलिका दहन किया जाएगा और 25 मार्च को धुलंडी का पर्व मनाया जाएगा। साथ ही सोमवार को होली मनाई जाएगी। इस दिन सुबह 4 बजे भस्म आरती में अवंतिकानाथ भक्तों के साथ हर्बल गुलाल से होली खेलेंगे। वहीं, 26 मार्च से गर्मी की शुरुआत को देखते हुए भगवान को ठंडे जल से स्नान कराने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। प्रतिदिन होने वाली पांच में से तीन आरतियों का समय भी बदल जाएगा।
श्रद्धालु भगवान महाकाल के साथ खेलेंगे होली
मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने शनिवार को बताया कि देश में सभी त्योहारों की शुरुआत भगवान महाकाल के आंगन से ही होती है। इसी परंपरा के तहत हर साल की तरह इस बार भी होली का त्योहार देशभर में सबसे पहले भगवान महाकाल के मंदिर में मनाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि रविवार को श्री ओंकारेश्वर मंदिर के सामने मंदिर परिसर में होली मनाई जायेगी। शाम को भगवान महाकाल की संध्या आरती के बाद पुजारी वैदिक मंत्रोच्चार के साथ होलिका का पूजन करेंगे। पुजारी परिवार की महिलाओं द्वारा भी होलिका का पूजन किया जाएगा। इसके बाद होलिका दहन किया जाएगा। फिर फाग उत्सव मनाया जाएगा। अगले दिन सोमवार को धुलेंडी पर भस्म आरती के साथ रंगोत्सव मनाया जाएगा। पुजारी-पुरोहित और श्रद्धालु भगवान महाकाल के साथ होली खेलेंगे।
यह भी पढ़ेंः-MP: कांग्रेस ने घोषित किए इन सीटों पर उम्मीदवार, देखिए किसको मिली कहां की जिम्मेदारी
उन्होंने बताया कि मंदिर की पूजा परंपरा में ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से मानी जाती है। 26 मार्च को प्रतिपदा है इसलिए भगवान की दिनचर्या में बदलाव रहेगा। सर्दी के दिनों में भगवान को गर्म जल से स्नान कराया जा रहा था। अब चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से शरद पूर्णिमा तक अगले छह माह तक भगवान शीतल जल से स्नान कराएंगे। इस दौरान आरती का समय भी बदल जाएगा।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)