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जीआईएस में तलाशें करियर, हैं अपार सम्भावनाएं, शुरूआत से मिलती है अच्छी सैलरी

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लखनऊ: आजकल लोग लीक से हटकर अपना करियर बनाना चाहते हैं। युवा उन करियर ऑप्शन की तरफ रुख कर रहे हैं जिनके सम्भावनाएं भी हैं और जिसमें उन्हें कुछ नया सीखने को मिले। आज हम आपको एक ऐसे ही अलग तरह के करियर विकल्प के बारे में बताएंगे, जिसमें आप अपने करियर को तलाश सकते हैं। हम बात कर रहे हैं जीआईएस यानि कि ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम की।

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ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन भूगोल की एक प्रमुख शाखा है, जो रिमोट सेंसिंग, डिजिटल तकनीक व हाईटेक विधियो से सुसज्जित है। इसमें पुरानें आंकड़ों के साथ-साथ नए आंकड़ों को भी संशोधित किया जाता है। बदलते परिवेश में जीआईएस एक बेहतर करियर विकल्प के रूप में सामने आया है। इस शाखा के बढ़ते महत्व एवं उपयोगिता को देखते हुए विभिन्न विश्वविद्यालयो में इससे सम्बंधित कोर्स कराये जाते है। अगर आप भी इसमें करियर बनाना चाहते हैं तो हम आपको यहां इससे जुड़ी पूरी जानकारी देंगे।

क्या है ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन

यहां हम आपको बताएंगे कि जीआईएस यानि कि ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन है क्या? यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जिसकी सहायता से क्षेत्र की टारगेट एरिया की मैपिंग की जाती है। इसके बाद प्राप्त डाटा के माध्यम से ऑफिस में बैठे-बैठे ही उस पूरे क्षेत्र की सही जानकारी प्राप्त हो जाती है। इस सॉफ्टवेयर का प्रयोग अर्थ साइंस, एग्रिकल्चर, डिफेंस, न्यूक्लियर साइंस, आर्किटेक्चर, टाउन प्लानर, मैपिंग, मोबाइल आदि क्षेत्र में अधिक होता हैं। इसकी सहायता से किसी भी स्थान की स्थिति को अपनें कंप्यूटर पर देखा एवं बनाया जा सकता है।

जीआईएस के क्षेत्र

जीआईएस में कई अलग-अलग डिपार्टमेंट में होते हैं, जिनमें आप एडमिशन लेकर  स्पेसलाइजेशन कर सकते हैं।

  •         फोटोग्रामैट्री
  •        जीआईएस ऐप्लिेकशन
  •         जीआईए डेवलॅपमेंट
  •         जिओस्टेटिस्टीक
  •         जीआईएस प्रोजेक्ट डेवलॅपमेंट
  •         वेबजीआईएस

शैक्षणिक योग्यता व कोर्स

ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन में करियर बनाने के लिए आपको 12वीं पास होना आवश्यक है। आपके पास 12वीं में भूगोल विषय होना ज़रूरी है। आप जीआईएस में पोस्ट ग्रेजुएशन, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट आदि कोर्स कर सकते हैं। साधारणतया जिओलॉजी, अप्लायड जिओलॉजी, अर्थ साइंस, जिओग्रफी, जिओसाइंस बीएससी, बीई, बीटेक आदि में स्नातक डिग्रीधारक कोर्स में भी प्रवेश ले सकते हैं। अनेंक शिक्षण संस्थानों में जीआईएस से संबंधित पाठ्यक्रम का संचालन किया जा रहा हैं। इस क्षेत्र की प्रमुख शिक्षण संस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ जिओ-इन्फॉर्मेटिक्स ऐंड रिमोट सेंसिंग के अंतर्गत आनें वाले इंस्टीट्यूट से लांग और शॉर्ट टर्म पाठ्यक्रम किया जा सकता है। पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट इन जीआईएस ऐंड आरएस, जिसकी समय अवधि छह माह है, पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट इन जीआईएस प्रोग्रामिंग कोर्स जिसकी समय अवधि चार माह हैं।

शिक्षण संस्थान

  • इंडियन इंस्टीट्यूट रिमोट सेंसिंग, देहरादून
  • इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश
  • बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रांची
  • एमडीएस युनिवर्सिटी अजमेर, राजस्थान
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रुड़की
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कानपूर
  • जीआईएस इंस्टीट्यूट, नोएडा
  • ईएसआरआई इंडिया, दिल्ली

सम्भावनाएं

जीआईएस के बारे में लोग अभी उतना जागरुक नहीं हैं, इसलिए इस क्षेत्र में कई सम्भावनाएं हैं। जीआईएस का उपयोग आप कई क्षेत्रों में कर सकते हैं। जैसे- डिजास्टर मैनेंजमेंट, डेवलॅमेंट ऑथोरिटी आदि। वर्तमान में भारत का डिजिटल मैप उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण इस क्षेत्र में करियर की बेहतरीन संभावनाएं देखी जा रही हैं और विकसित देशों में इस टेक्नोलॉजी का प्रयोग पहले से किया जा रहा है। इसलिए वहां डाटा एनालिसिस हेतु इस क्षेत्र से सम्बन्धित स्किल्ड लोगों की आवश्यकता अधिक है। इसके प्रमुख क्षेत्रों में-

  • इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो)
  • नेंशनल रिमोट सेंसिंग एजेंसी (एनआरएसए)
  • नेंशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर (एनआईसी)
  • स्पेस ऐप्लिकेशन सेंटर
  • अर्बन डेवलॅपमेंट ऑथोरिटी
  • नेचुरल रिसोर्स मैनेंजमेंट
  • इमर्जेंसी मैनेंजमेंट
  • मिलिट्री कमांड
  • ट्रांसर्पोटेशन मैनेंजमेंट

सैलरी

इस क्षेत्र में सैलरी भी अच्छी-खासी मिलती है। फ्रेशर को वार्षिक वेतन लगभग एक लाख से एक लाख बीस हजार रुपये के मध्य प्राप्त होता है। अनुभव अधिक होने पर वेतन भी अधिक हो सकता हैं। आठ से दस वर्ष के कार्य-अनुभव के पश्चात आप सीईओ के पद तक आसानी से पहुंच सकते हैं।

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