मुंबई: पालघर में कई वर्षों से फाइलेरिया (filaria) के मामले लगातार सामने आ रहे है। यह रोग क्यूलेक्स जींस के मच्छरों द्वारा मनुष्यों में फैलता है। ये मच्छर सेप्टिक टैंक, सीवेज और सीवेज सिस्टम में प्रजनन करते हैं। हाथ/पैरों की सूजन या हाथीपांव जैसी विकृति मच्छर के काटने/सूक्ष्मजीवों के शरीर में प्रवेश करने के 5 से 10 साल बाद विकसित होती है, इसलिए प्रारंभिक काल में व्यक्ति/रोगी अज्ञानी रहता है।
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अक्टूबर 2021 में किए गए संक्रमण सत्यापन सर्वेक्षण (टीएएस) में, 6 से 7 वर्ष के आयु वर्ग के चयनित बच्चों में दहानू, विक्रमगढ़ और तलासरी तालुका में सबसे अधिक 29 बच्चे फाइलेरिया (filaria) से संक्रमित पाए गए। 2016 से 2022 तक विभिन्न सर्वेक्षणों में इन 3 तालुकों में 147 लोग फाइलेरिया से संक्रमित पाए गए हैं। इसके लिए 25 मई से 05 जून तक इन 3 तालुकों में सामुदायिक चिकित्सा अभियान लागू किया जाएगा। बच्चों के भविष्य को फाइलेरिया रोग से मुक्त रखने के लिए सभी बच्चों, वयस्कों और बुजुर्गों को सीधे हाथी रोग की गोलियां लेने की आवश्यकता है।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. सागर पाटिल ने कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय बैठक में बताया कि अन्य तालुकाओं में मच्छर नियंत्रण के लिए सेप्टिक टैंक के माध्यम से जलते हुए तेल को छोड़ना, वेंट पाइपों पर जाल लगाना, घर के बाहर जल निकासी के पानी को जमा न करने के लिए जल निकासी खाई का निर्माण और मच्छर नियंत्रण के लिए कीटनाशकों/गप्पी का उपयोग शामिल होगा। अधिक मामलों वाले तालुकों दहानू, तलासरी और विक्रमगढ़ में सामुदायिक चिकित्सा अभियान लागू किया जाएगा।
कलेक्टर डॉ. माणिक गुरसल ने सभी एजेंसियों को उक्त कार्रवाई के साथ ही 25 मई से आवश्यक जन-जागरूकता व क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने दहानू, तलासरी और विक्रमगढ़ तालुका के सभी नागरिकों से स्वास्थ्य कर्मियों के सामने फाइलेरिया रोग की गोलियां लेने की अपील की।
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