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पंजाब कांग्रेस में लगी इस्तीफों की झड़ी, सिद्धू के बाद पांच और नेताओं ने दिया इस्तीफा

Congress leader Navjot Singh Sidhu leaves to meet MLA Madan Lal Jalalpur

चंडीगढ़ः पंजाब कांग्रेस घमासान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को नवजोत सिंह सिद्धू के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद उनके समर्थन में इस्तीफों की झड़ी लग गई। एक के बाद एक पांच नेताओं ने इस्तीफा दे दिया। जिसमें योगिंदर ढींगरा ने भी पंजाब कांग्रेस के महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले सिद्धू के इस्तीफे के बाद गुलजार इंदर चहल ने पंजाब कांग्रेस के कोषाध्यक्ष का पद छोड़ा दिया।वहीं पंजाब कैबिनेट की मंत्री रजिया सुल्ताना और परगट सिंह ने भी इस्तीफा दे दिया। परगट सिंह पंजाब सरकार में शिक्षा मंत्री बनाए गए थे। उन्होंने सिद्धू के समर्थन में इस्तीफा दिया है। सिद्धू के समर्थन में अभी तक कुल पांच नेताओं ने इस्तीफा दिया है।

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बता दें कि रजिया को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाले नए मंत्रिमंडल में जलापूर्ति और स्वच्छता, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास, छपाई और स्टेशनरी विभाग दिया गया था। लेकिन कुछ घंटे बाद उनका इस्तीफा सामने आया है। उनके पति मोहम्मद मुस्तफा, पूर्व पुलिस महानिदेशक, सिद्धू के मुख्य रणनीतिक सलाहकार नियुक्त किए गए थे, जब सिद्धू ने जुलाई में पंजाब कांग्रेस प्रमुख के रूप में पदभार संभाला था। रजिया सुल्ताना ने इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि, “सिद्धू साहब सिद्धांतों के आदमी हैं। वह पंजाब और पंजाबियत के लिए लड़ रहे हैं।”

सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार नहीं

हालांकि कांग्रेस के विधायक बावा हेनरी ने कहा, “नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा (पंजाब कांग्रेस प्रमुख के रूप में) स्वीकार नहीं किया गया है, जल्द ही मामले को सुलझा लिया जाएगा। 3-4 मुद्दे हैं, पार्टी फोरम में उनकी चर्चा हो रही है, आलाकमान उनका समाधान करेगा।” इस मामले में कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा मीडिया से बात करते हुए ने कहा, “उन्होंने (नवजोत सिंह सिद्धू) पंजाब में भ्रष्टाचार के खिलाफ स्टैंड लिया था…, अगर उनके सुझावों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे अवाक अध्यक्ष नहीं बनना चाहेंगे।”

नाराज चल रहे थे सिद्धू

सूत्रों के मुताबिक, सुखजिंदर सिंह रंधावा को गृह मंत्रालय दिए जाने से भी सिद्धू नाराज हो गए। सिद्धू को उम्मीद थी जब जट सिख चेहरे के तौर पर सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम आगे किया गया और उसके बावजूद उनको सीएम नहीं बनाया गया तो आलाकमान बतौर जट सिख और लोकप्रिय चेहरे के नाम पर विचार करेगा लेकिन ऐसा नहीं होने से भी नवजोत सिंह सिद्धू नाराज थे।

जिसके बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा सौंपा है। वहीं नवजोत सिंह सिद्धू ने सोनिया गांधी को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा कि, “किसी भी शख्स के व्यक्तित्व में गिरावट समझौते से शुरू होती है। मैं पंजाब के भविष्य को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकता हूं। इसलिए मैं पंजाब प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं।” लेकिन कांग्रेस की सेवा करता रहूंगा।

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