प्रदेश हरियाणा

किसानों की पीढ़ियों को भी सताने लगा जमीन छिन जाने का डर, भूख हड़ताल पर बैठे बच्चे

CHILDRAN

भिवानीः टेलीग्राफ एक्ट की आड़ में किसानों की आजीविका छिन जाने का डर किसानों के साथ अब उनकी पीढ़ी को भी सताने लगा हैं। जिसके विरोध में अब किसानों के बच्चें धरनास्थल पर पहुंचर रोष जता रहे है तथा खेत में लगे टॉवर व बिछाई गई तार की ऐवज में मुआवजा दिए जाने की मांग कर रहे हैं।

इसी के तहत गांव निमड़ीवाली में हरियाणा बिजली वितरण निगम के पॉवर ग्रिड के टॉवरों के विरोध में पिछले 33 दिनों से धरने पर बैठे किसानों का साथ देने के लिए उनके बच्चें भी धरना स्थल पर पहुंचे तथा उन्होंने कंपनी व प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मंगलवार को 12 वर्षीय खुशवंत सिंहमार 24 घंटे के लिए भूख हड़ताल पर बैठा। इस दौरान किसानों ने अर्धनग्न होकर रोष भी जताया। बता दें कि हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा किसानों के खेतों में जबरन पॉवर ग्रिड के टॉवर लगाए जा रहे है, जिसका मुआवजा तक किसानों को नहीं दिया जा रहा है।

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मुआवजा न दिए जाने के विरोध में किसान पिछले 33 दिनों से गांव निमड़ीवाली में धरने पर बैठे रोष जता रहे हैं। धरने को संबोधित करते हुए भाकियु जिला अध्यक्ष राकेश आर्य ने कहा कि कंपनी व प्रशासनिक अधिकारी टेलीग्राफ एक्ट की आड़ में किसानों से उनकी आजीविका छीनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जमीन ही एकमात्र किसान की आजीविका का साधन होती है तथा कंपनी व प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी भलाई के चक्कर में किसानों के खेतों में टॉवर लगा दिए, जिसकी ऐवज में किसानों को मुआवजा तक नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि इन टॉवरों के लगने के बाद जमीन की उपजाऊ शक्ति भी कम होगी। आर्य ने प्रति टॉवर 30 लाख रूपये तथा जिसके खेत से बिजली की लाइन जा रही है, उसे प्रति एकड़ 25 लाख रूपये मुआवजा या प्रति माह का किराया दिए जाने की मांग की।