उत्तर प्रदेश क्राइम

बेटी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज न करने पर पिता ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट फाड़ने पर पथराव

suicide

लखनऊः उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद के आंवला कोतवाली के मऊचंद्रपुर गांव में एक युवती की अपहृत होने की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे पिता को पुलिस ने अपमानित कर भगा दिया। जिससे आहत होकर उसने आत्महत्या कर लिया। मृतक की जेब से मिले सुसाइड नोट में पुलिस प्रताड़ना का आरोप लगाया गया है। इसके बाद पुलिस ने सुसाइड नोट फाड़ दिया, जिसके बाद परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से मौजूद पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया। जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गये। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए गांव में भारी फोर्स को तैनात कर दिया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार गांव के एक किसान की बेटी आठ अप्रैल को लापता हो गयी थी। गांव का एक युवक भी लापता है। बेटी को भगाने के शक में पिता अपहरण की शिकायत दर्ज कराने रामनगर चौकी पहुंचा। जहां पुलिस ने उनकी एफआईआर दर्ज नहीं किया और उल्टा उन्हें अपमानित कर भगा दिया। इससे आहत होकर उस व्यक्ति फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। ग्रामीणों ने शव को नीचे उतारा और जेब से एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें रामनगर के दारोगा पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया था। ग्रामीणों का कहना है कि जब इसकी जानकारी दारोगा को हुई तो उसने मौके पर पहुंचकर सुसाइड नोट को ही फाड़ दिया। इसके बाद गांव वालों ने पुलिसकर्मियों को चारों तरफ से घेर लिया। दारोगा को छुड़ाने के दौरान पुलिसकर्मियों ने हल्का बल प्रयोग करने का प्रयास किया तो ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर पथराव कर दिया। पथराव में कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गये।

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पथराव की सूचना पाकर एसपी देहात राजकुमार अग्रवाल व सीओ कई थानों की पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। एसपी ने चौकी इंचार्ज पर कार्रवाई करने का आश्वासन देकर शांत कराने का प्रयास कराया, लेकिन लोग नहीं मानें। जिसके बाद आंवला विधायक धर्मपाल सिंह ने मौके पर पहुंचकर लोगों को शांत कराया। लेकिन गांव में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। एसपी देहात ने बताया कि ग्रामीणों की ओर से दारोगा पर जो भी आरोप लगाये गए हैं उसकी गंभीरता से जांच करायी जायेगी। दोषी पाये जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जायेगा।