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मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से मिलती है कष्टों से मुक्ति, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि

vishnu bhagwan
vishnu bhagwan

नई दिल्लीः हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल के 12 माह में 24 एकादशी तिथि पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में। हर माह की एकादशी तिथि को अलग-अलग नामों से जाना जाता है और इस दिन भगवान विष्णु के व्रत और पूजन करने का विधान है। मृगशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना है। इस वर्ष मोक्षदा एकादशी का व्रत तीन दिसम्बर (शनिवार) को रखा जाएगा। ऐसा माना जाता है कि मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत कर भगवान श्रीहरि की भक्तिभाव से आराधना करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है और मनोवांछित वरदान भी प्राप्त होता है।

मोक्षदा एकादशी का शुभ मुहूर्त
मोक्षदा एकादशी तिथि 2 दिसम्बर को रात 5 बजकर 39 मिनट से शुरू होगी और 3 दिसम्बर 2022 को रात 5 बजकर 34 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि के चलते एकादशी का व्रत 3 दिसम्बर को ही रखा जाएगा। 4 दिसंबर को व्रत का पारण होगा।

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मोक्षदा एकादशी की पूजा विधि
मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत का संकल्प लेकर प्रातःकाल दैनिक कार्यो से निवृत्त होने के बाद स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद घर में पूजा की चौकी तैयार करें। चौकी पर पीला वस्त्र बिछायें। चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद गंगाजल छिड़कर कर भगवान को चंदन का तिलक लगायें। भगवान विष्णु को फूल, माला, धूप, दीप, मिष्ठान, मौसमी फल, नैवेद्य और तुलसी दल भी अर्पित करें। इसके बाद एकादशी की व्रत कथा पढ़े। इसके बाद मंत्र का जाप करें और आरती अवश्य करें। आरती के बाद भगवान श्रीहरि से पूजा के दौरान हुए भूल चूक के माफी जरूर मांगे। दिनभर व्रत करने के बाद संध्या के समय भी आरती जरूर करें।

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