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विजया एकादशी का व्रत करने से किसी भी कार्य में मिलती है सफलता

नई दिल्लीः विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-आराधना की जाती है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी कहा जाता है। आज के दिन भगवान विष्णु की आराधना विधि-विधान से करने से किसी भी कार्य में शीघ्र ही सफलता मिल जाती है। इसके साथ ही भगवान की कृपा आप पर सदा बनी रहती है और आप प्रगति के पथ पर अग्रसर होते है। विजया एकादशी के दिन व्रत करने वाले को प्रातःकाल स्नानादि के भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए और इस व्रत-कथा को जरूर सुनना चाहिए।

पौराणिक कथा के मुताबिक जब लंका के राजा रावण ने माता सीता का हरण कर लिया। तब श्रीराम और उनके भाई लक्ष्मण को बजरंगबली की मदद से सुग्रीव से मुलाकात हुई। सुग्रीव अपनी सेना के साथ लंका पर आक्रमण करने के लिए समुद्र तट पर पहुंच गये, लेकिन समस्या यह थी कि विशाल समुद्र के उस पार लंका पर आक्रमण किस प्रकार किया जाए। भगवान श्रीराम ने इसके लिए समुद्र से लंका पर आक्रमण करने के लिए मार्ग मांगा, लेकिन समुद्र ने मना कर दिया।

तब भगवान श्रीराम ने ऋषियों से इसके लिए सुझाव मांगा, तब उन्होंने बताया कि भगवान श्रीराम अपनी सेना के साथ विजया एकादशी का व्रत करें और विधि-विधान से भगवान विष्णु की आराधना करें तो अवश्य ही उनका कार्य सिद्ध होगा और उन्हें सफलता भी मिलेगी। किसी भी कार्य के शुभ फल प्राप्ति के लिए यह व्रत किया जाता है। तब भगवान श्रीराम ने छोटे भाई लक्ष्मण और पूरी सेना के साथ फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी का व्रत किया। जिसके फलस्वरूप समुद्र ने लंका पहुंचने का मार्ग प्रशस्त किया और भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर माता सीता को मुक्त कराया। इसलिए किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने को विजया एकादशी का व्रत कर भगवान विष्णु की पूरी श्रद्धा से पूजा-अर्चना करनी चाहिए।

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