श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती को रविवार को उनके घर पर ही नजरबंद कर दिया गया है। उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। पूर्व सीएम और पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती को कल पुलवामा जाने की इजाजत भी नहीं दी गई थी। उमर ने ट्वीट कर कहा कि हमें बिना किसी कारण अपने घरों में नजरबंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि उनके पिता एवं सांसद डॉ. फारूक अब्दुल्ला, मेरी बहन और उनके बच्चों को बिना किसी कारण अपने ही घर में नजरबंद कर दिया है।
उमर ने ट्वीट करते हुए यह भी कहा कि चलो आपके लोकतंत्र के नए मॉडल का अर्थ है कि हम अपने घरों में ही बिना किसी कारण नजरबंद रहें। मगर घर पर जो कर्मचारी काम पर हैं उन्हें तो कम से कम बाहर जाने की अनुमति होनी चाहिए। वहीं जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला, फारूक अब्दुल्ला सहित उनके परिवार के अन्य सदस्यों के घरों के बाहर सुरक्षाबलों को भी तैनात कर दिया गया है।
पुलिस ने ट्वीट किया कि आज भयावह लेथपोरा आतंकी घटना की दूसरी बरसी है। कोई रोड ओपनिंग पार्टी नहीं होगी। प्रतिकूल इनपुटों के कारण, वीआईपी/संरक्षित व्यक्तियों की आवाजाही पर रोक लगाया गया है और सभी संबंधितों को पहले से सूचित किया गया है कि वे आज यात्रा की योजना न बनाएं।”
उमर अब्दुल्ला ने बाद में पुलिस को उन्हें भेजे गए लिखित संचार को साझा करने के लिए कहा। ट्वीट कर उमर ने पूछा कि पुलिस ने किस कानून के तहत उन्हें घर पर नजरबंद किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे यकीन नहीं है कि यह वास्तव में एक पुलिस ट्विटर हैंडल है क्योंकि यह सत्यापित नहीं है। लेकिन यह मानते हुए, कृपया मुझे बताएं कि आपने आज मुझे मेरे घर में किस कानून के तहत नजरबंद किया है? आप मुझे अपना घर नहीं छोड़ने की सलाह दे सकते हैं लेकिन आप मुझे बहाने के रूप में सुरक्षा का इस्तेमाल करके घर पर रहने के लिए मजबूर नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि कृपया मुझे संबोधित लिखित संचार और मुझे (या मेरे कार्यालय) द्वारा स्वीकार किए जाने को साझा करें। इन प्रतिबंधों से पहले हमें सूचित करें। निश्चित रूप से, यह बरसी प्रशासन के लिए आश्चर्य के तौर पर नहीं आई है।
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शनिवार को, एक और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि उन्हें गुप्कर रोड पर अपने निवास से बाहर जाने से रोका गया है ताकि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में किशोर अतहर मुश्ताक के परिवार के साथ मुलाकात नहीं कर सकें, जो श्रीनगर के बाहरी इलाके में 30 दिसंबर, 2020 को एक मुठभेड़ में मारा गया था।