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किसान आंदोलनः कौन थे 22 वर्षीय शुभकरण सिंह? जिनकी झड़प के दौरान हुई मौत

नई दिल्लीः बुधवार को खनौरी बॉर्डर पर सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़प हो गई, जिसमें बठिंडा के 21 साल के किसान शुभकरण सिंह (Shubhakaran Singh) की मौत हो गई। झड़प में 12 पुलिसकर्मियों के भी घायल होने की खबर है। मामले को लेकर पटियाला के राजिंदरा अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि मृतक के सिर पर चोट थी। हालांकि, उनकी मौत का सही कारण पोस्टमार्टम के बाद ही सामने आएगा।

दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि पुलिस आंसू गैस के गोले के साथ रबर की गोलियां भी चलाती दिखी, जिससे हमें चोटें आईं। हरियाणा पुलिस की ओर से कहा गया कि किसानों ने सुरक्षाकर्मियों पर पत्थरों के साथ-साथ लाठियों से भी हमला किया।

पुलिस कार्रवाई ‘लोकतंत्र की हत्या’: आप

हरियाणा पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने खनौरी बॉर्डर पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को घेरने के बाद पराली पर मिर्च पाउडर डाल दिया। इतना ही नहीं उन्होंने उसमें आग भी लगा दी। इस बीच आम आदमी पार्टी नेता और पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने पुलिस कार्रवाई को ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया है। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने दावा किया है कि प्रदर्शनकारी की मौत पुलिस फायरिंग में हुई है।

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दो बहनों का इकलौता भाई

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खनौरी बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस की फायरिंग में मौड़ (बठिंडा) के शुभकरण सिंह की मौत हो गई। इस खबर के बाद पूरे पंजाब में शोक की लहर फैल गई है। मृतक दो बहनों का इकलौता भाई था। इस युवक की मौत पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दुख जताया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया है कि शुभकरण सिंह की मौत पुलिस द्वारा चलाई गई रबर की गोलियों से हुई है।

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