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किसानों के लिए गले की फांस बनी पराली, बाहर लेकर जाएं तो चालान जलाएं तो जुर्माना

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फतेहाबाद: इन दिनों किसानों (farmers ) के लिए पराली एक बड़ी समस्या बन गई है। अगर किसान खेतों में पराली जलाते हैं तो अधिकारी उन किसानों का चालान काट देते हैं और अगर वे यहां से ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में पराली भरकर महेंद्रगढ़ ले जाते हैं तो वहां भी पुलिस उनके ट्रैक्टरों का चालान काट देती है। ऐसे में किसान वर्ग काफी परेशान है।

महेंद्रगढ़ कूच करने का ऐलान

इसी समस्या को लेकर मंगलवार को किसान जट्टा किसान संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष मंदीप नथवान के नेतृत्व में फतेहाबाद उपायुक्त से मिलने पहुंचे। इन किसानों ने मांग की है कि सरकार और प्रशासन तुरंत इस मामले का संज्ञान ले और किसानों को राहत प्रदान करे।

इस अवसर पर मनदीप नथवान, रवीन्द्र सिंह हिजरावां खुर्द, लवी बाठ, गुरप्रीत सिंह, भूपिंदर रंधावा, रमनदीप रतिया चुंगी, गग्गी बादलगढ़, सुशील कुमार, राजू तूड़े वाला, बूटा सिंह व जीत सिंह सहित अनेक किसान उपस्थित थे। डीसी ने प्रतिनिधिमंडल को इस मामले में महेंद्रगढ़ के उपायुक्त से बात करने को कहा। इस पर किसानों ने डीसी ऑफिस के बाहर नारेबाजी कर अपना गुस्सा जाहिर किया। पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति ने 9 नवंबर को महेंद्रगढ़ कूच करने का ऐलान किया है।

हर स्थिति में हो रही कार्रवाई

डीसी से मिलने पहुंचे मंदीप नथवान ने कहा कि गेहूं की बिजाई का समय निकलता जा रहा है, लेकिन खेत खाली न होने से किसानों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। अगर वे खेत खाली करने के लिए पराली में आग लगाते हैं तो उन पर जुर्माना लगाया जाता है।

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वहीं अगर वे पराली को बाहर भेजते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है, जो बेहद निंदनीय है। उन्होंने बताया कि फतेहाबाद से कई किसान ट्रैक्टर ट्रॉली में पराली लेकर महेंद्रगढ़ जाते हैं। जब वे महेंद्रगढ़ के गुरावता गांव से गुजरते हैं तो पराली से भरे होने के कारण आरटीए और पुलिस एसएचओ द्वारा उनके चालान काट दिए जाते हैं। चालान नहीं भरने पर ग्रामीणों ने पराली से भरी ट्रॉलियों में आग भी लगा दी।

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