लखनऊः बीज शोधित कर फसल की उपज बढ़ाना अब काफी आसान हो चुका है। किसानों को ऐसे काम खुद करने होंगे। इससे उनका पैसा और समय भी बचेगा। अगर किसान ऐसा करते हैं, तो उनकी आर्थिक तरक्की तय है।
किसानों की आजीविका का प्रमुख साधन कृषि है। इस साधन का प्रमुख हथियार बोए जाने वाले बीज होते हैं।
अच्छी गुणवत्ता वाले बीज मिट्टी में पहुंच गए तो समझो फसलों का भरपूर उत्पादन होगा लेकिन यदि बीज खराब हुए तो किसान जमीन निहारते रह जाएगा। ऐसे में किसान घर में ही उत्तम बीजों का चयन करें और उनको ही सीजन पर बोएं। यह एक अनुमानित आंकड़ा है। इसे ज्यादातर सफल किसान अपनाते आए हैं। यह किसान घर में ही उत्तम गुणवत्ता वाला बीज तैयार करते हैं और सामान्य बीज की अपेक्षा 20 से 25 प्रतिशत अधिक उपज लेते हैं। बिना शोधित बीज बोने से एक ओर उत्पादन कम होता है तो दूसरी ओर भविष्य के लिए भी अच्छा बीज में बाधक बन जाता है।
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बीजों को उत्तम श्रेणी में रखने के लिए उन्हें ठंडे पानी में भिगो दें। इन्हें सुबह 08 से 12 बजे तक पानी में ही रखें तथा दोपहर बाद पानी से निकाल कर सुखा दें। यह प्रक्रिया ज्यादातर गर्मी के दिनों में अपनाई जाती है। पानी में डालते समय हल्के और खराब बीजों को बाहर कर देना चाहिए।
एजोटोबेकटर्स या एजोस्पाईरिलम से भी बीजों का उपचार किया जाता है। इस प्रक्रिया में गुड़ को पानी में घोल लिया जाता है। इसमें 150 ग्राम के 05 पैकेट एजोटोबेकटर्स या एजोस्पाईरिलम डालने के बाद करीब 80 किलो बीज में मिला दें। इस तरीके में भी हल्के तथा खराब बीजों को बाहर कर दिया जाता है। इससे बीज शोधित हो जाते हैं और इनको ही बो दिया जाता है।
– शरद त्रिपाठी की रिपोर्ट
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