मुकदमा दर्ज होने के बाद फेसबुक ने दी तीखी प्रतिक्रिया, जानें पूरा मामला

सैन फ्रांसिस्कोः जैसे ही अमेरिकी सरकार ने फेसबुक को तोड़ने की अपनी योजना को आगे बढ़ाते हुए मुकदमा किया, तुरंत ही सोशल नेटवर्किंग कंपनी फेसबुक ने यह कहते हुए पलटवार किया कि यह केवल इतिहास को नए तरीके से इंटरपेट्र करना नहीं है, लेकिन ये भी देखना है कि यह कानून कैसे काम करे। फेसबुक के वाइस प्रेसिडेंट और जनरल काउंसिल जेनिफर न्यूस्टेड ने बुधवार की देर रात कहा कि कंपनी अदालत में अपने दिन का इंतजार कर रही है कि जब हम विश्वास के साथ यह सबूत दिखाएंगे कि फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप एक साथ हैं और वह अपनी योग्यता के आधार पर महान उत्पादों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।

अमेरिकी संघीय व्यापार आयोग (एफटीसी) और राज्य के अटॉर्नी जनरल ने फेसबुक के उन 2 अधिग्रहणों पर हमला किया है जो फेसबुक ने 2012 में इंस्टाग्राम को और 2014 में व्हाट्सएप को अधिग्रहीत करके किए थे।

फेसबुक के अनुसार, इन दोनों अधिग्रहणों की समीक्षा उस समय के प्रासंगिक एंटीट्रस्ट रेगुलेटर्स ने की थी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कई साल बीत चुके हैं। उन सुलझे हुए कानून या नवाचार और निवेश के परिणामों के बारे में कोई सम्मान नहीं है। अब एजेंसी कह रही है कि यह गलत है और वह इसमें संशोधन चाहती है। यह इतिहास में बदलाव करने के अलावा और कुछ नहीं है।

द्विदलीय समर्थन द्वारा सुर्खियों में आने वाली एक ऐतिहासिक कार्रवाई में अमेरिका की संघीय सरकार और 48 राज्यों ने फेसबुक पर लैंडमार्क एंटीट्रस्ट अधिनियम के तहत मुकदमा दायर किया है। इसमें फेसबुक पर बाजार की प्रतिस्पर्धा को खत्म करने के लिए अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है।

अमेरिका फेसबुक के स्वामित्व वाले इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के स्पिनऑफ के लिए जोर दे रहा है, यानि कि वह इन दो सब्सिडियरी कंपनियों का बिजनेस पैरेंट कंपनी से अलग करने के लिए कह रहा है।

फेसबुक ने कहा, “जब हमने इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप का अधिग्रहण किया, तो हमें विश्वास था कि ये कंपनियां हमारे फेसबुक उपयोगकर्ताओं के लिए बहुत लाभकारी होंगी और हम उन्हें कुछ बेहतर तरीके से बदलाव करने में मदद कर सकते हैं और हमने ऐसा किया। यह मुकदमा अमेरिकी सरकार की अपनी विलय समीक्षा प्रक्रिया के बारे में संदेह और अनिश्चितता का जोखिम लाता है कि क्या अधिग्रहण करने वाले बिजनेस वास्तव में कानूनी प्रक्रिया के परिणामों पर भरोसा कर सकते हैं।”

बता दें कि फेसबुक ने 2012 में इंस्टाग्राम को 1 बिलियन डॉलर और 2014 में व्हाट्सएप को 19 बिलियन डॉलर में खरीदा था। जब फेसबुक ने इंस्टाग्राम को खरीदा था, तब उसके पास आज के कुल उपयोगकर्ताओं के लगभग 2 प्रतिशत उपयोगकर्ता ही थे और सिर्फ 13 कर्मचारी थे। ना कोई राजस्व था और ना कोई वास्तविक बुनियादी ढांचा था।

आज इंस्टाग्राम के एक अरब से ज्यादा मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं। पूरे विश्व में व्हाट्सएप के दो अरब से अधिक उपयोगकर्ता हैं, भारत में ही 40 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं।

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कंपनी ने कानूनी लड़ाई के लिए तैयार होने की बात कहते हुए कहा, “इंस्टाग्राम को फेसबुक का हिस्सा बनाने से उपभोक्ताओं और व्यवसायों को जबरदस्त लाभ हुआ है। इंस्टाग्राम अधिक विश्वसनीय हो गया और उन तकलीफों से बच गया, जिसके कारण अन्य तेजी से बढ़ते स्टार्टअप पटरी से उतर गए। इसी तरह व्हाट्सएप को भी फेसबुक का हिस्से बनाने से उपभोक्ताओं को लाभ हुआ। हमने दुनिया भर के उपभोक्ताओं को एसएमएस के बदले एक मुफ्त मैसेजिंग विकल्प की पेशकश की थी और मोबाइल ऑपरेटर इसके लिए शुल्क ले रहे थे।”