मुंबईः मुंबई पुलिस ने शनिवार को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में एक व्यापारी द्वारा जबरन वसूली के आरोपों के बाद निलंबित डीजीपी परमबीर सिंह और तीन अन्य के खिलाफ 400 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। मुंबई और ठाणे में उनके खिलाफ दर्ज पांच प्राथमिकी के संबंध में सिंह – मुंबई के एक पूर्व पुलिस आयुक्त, जिन्हें 2 दिसंबर को निलंबित कर दिया गया था – के खिलाफ दायर की गई यह पहली चार्जशीट है।
एक व्यवसायी ने लगाए थे जबरन वसूली के आरोप
एक होटल व्यवसायी विमल अग्रवाल द्वारा लगाए गए जबरन वसूली के आरोपों के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की है। चार्जशीट में सबूतों और गवाहों के बयान दर्ज हैं। इसमें बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे, जो वर्तमान में पुलिस हिरासत में हैं और दो अन्य लोगों के नाम शामिल हैं, जो जबरन वसूली के मामले में आरोपी हैं। परमबीर सिंह और सचिन वाजे को मामले की अगली तारीख पर इस चार्जशीट की एक-एक कॉपी दी जाएगी।
नामजद दो अन्य आरोपियों में अल्पेश पटेल और सुमित सिंह शामिल हैं, जो फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। जबकि पुलिस ने अभी तक दो और आरोपियों विनय सिंह और रियाज भाटी के खिलाफ आरोप दायर नहीं किया है। सिंह 10 दिन पहले ही मुंबई में फिर से सामने आए थे। इससे पहले पिछले लगभग छह महीने तक उनके ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। सिंह को महाराष्ट्र स्टेट होम गार्डस कमांडेंट जनरल की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी, मगर वह लंबे समय तक ‘गायब’ रहे।
12 लाख की उगाही का आरोप
हालांकि उन्होंने हाल ही में सामने आकर मामले के संबंध में अपना बयान दर्ज किया था, जिसे गोरेगांव पुलिस ने 25 अगस्त को दर्ज किया था और बाद में इसे क्राइम ब्रांच को स्थानांतरित कर दिया था। अग्रवाल की शिकायत के अनुसार, सिंह वाजे और अन्य ने कथित तौर पर उनके खिलाफ फर्जी मामले दर्ज करने की धमकी दी और जनवरी 2020 और मार्च 2021 के बीच लगभग 12 लाख रुपये की उगाही की। अब क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच कर रही है।
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