लखनऊः बिजली कर्मचारियों की हड़ताल पर सरकार की स्थिति को स्पष्ट करते हुए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि कुछ बिजली कर्मचारी संगठन हड़ताल पर चल रहे हैं। आज हड़ताल का तीसरा दिन है। इन सबके बावजूद सबको आश्वस्त करना चाहते हैं कि स्थिति नियंत्रण में है। कुछ जगह स्थानीय समस्या आई है, जिन्हें समय से दूर किया गया है। इस बीच कुछ और संगठन भी हमारे साथ आये हैं, आज जो काम कर रहे हैं। इससे ये हड़ताल और परिस्थिति पॉलिटिकली मोटिवेटेड लग रही है वरना कर्मचारी हमारी बात समझ जाते।
एके शर्मा ने कहा कि कुल नौ संगठन अब तक हमारे साथ हैं, वे इस हड़ताल का विरोध भी कर रहे हैं। कुछ राष्ट्रीय संस्थाओं ने एनटीपीसी, बजाज पावर, टाटा, पावर ग्रिड कारपोरेशन समेत कुछ अन्य ने हमें मैन पावर उपलब्ध कराए हैं। सप्लाई, डिमांड नियंत्रण में है। जनता से कहूंगा कि थोड़ी समस्या और चुनौती का समय है। जल्द इस स्थिति से बाहर निकलेंगे। समन्वय के लिए संघर्ष समिति से कहूंगा कि बातचीत के रास्ते खुले हैं।
काम में बाधा डालने वालों को तलाश कर होगी कार्रवाई
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों से कहूंगा कि ध्यान दें कि जो काम करना चाहते हैं, उन्हें रोका न जाये। काम में बाधा डालने वालों को पहचानें, लेकिन कानून हाथ में न लें। हड़ताल के बीच व्यवधान पैदा करने वालों के लिए चेतावनी भरे लहजे में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कल रात कई जिलों में ऐसी वारदात जानकारी में आई कि विद्युत कर्मियों ने ही लाइन डिस्टर्ब की है। ऐसा व्यक्ति जंगल, आसमान, पाताल कहीं भी हो, उस पर कार्रवाई होगी। डीजी विजिलेंस से भी इस पर बात हुई है।
काम न करने वालों को हटाकर नौजवानों को देंगे रोजगार
एके शर्मा ने कहा कि बिजली कर्मचारी हड़ताल पर हैं तो हाजिरी लगाकर गायब न हों। पता चला है कि कई कर्मचारी आकर हाजिरी लगाकर गायब हो जाते हैं। या तो काम पर रहिए या हड़ताल पर, या तो हाजिर रहिए या गैरहाजिर। आउटसोर्स के जो कर्मी काम पर नहीं हैं उन्हें तत्काल निकालने की व्यवस्था हो रही है। उनकी जगह अन्य नौजवानों को रोजगार देंगे, इस तरह एक अच्छा काम भी होगा।
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बाधा डालने वालों के खिलाफ लेंगे एक्शन
एसएलडीसी नाम की एक फैसिलिटी है जो पूरे राज्य का काम संभालती है। यह एक तरह से राष्ट्रीय ग्रिड से जुड़ी संस्था है, वहां काम में बाधा डाली गई हैं। जहां इस तरह बाधा डाली जाएगी, तो हमें एक्शन लेने पड़ेगा।
हड़ताल कर्मचारियों के हित में नहीं
2000 से जब से विद्युत निगम बना, 23 साल हो गए तब से अब तक 93 हजार करोड़ के घाटे में है। 82 हजार करोड़ का बैंक लोन है। सिर्फ 2018-19 से बोनस नहीं दिया गया, उसमें भी अब एक साल का दे दिया। अब अगर कोई बकाया सारा बोनस चाहे तो वित्तीय प्रबंधन के लिहाज से सही नहीं। काम करिए, राजस्व लाइये, सबका ध्यान रखा जाएगा। ये हड़ताल कर्मचारियों के हित में नहीं है। ऊर्जा मंत्री ने बिजली कर्मचारियों को सरकार की ओर से स्पष्ट किया कि आने वाले समय में कहीं कोई समस्या नहीं है।
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