जम्मूः जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में चल रहे ऑपरेशन में एक पाकिस्तानी आतंकवादी मारा गया। ऑपरेशन में जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक जवान शहीद हो गया और दो पुलिस अधिकारी घायल हो गए। पुलिस ने कहा कि कठुआ जिले के बिलावर इलाके में चल रहे ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) संगठन का एक पाकिस्तानी आतंकवादी मारा गया।
शनिवार को भी हुई थी मुठभेड़
इससे पहले शनिवार को इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में स्थानीय पुलिस का एक हेड कांस्टेबल शहीद हो गया था। एडीजीपी (जम्मू) आनंद जैन ने रविवार को संवाददाताओं को बताया कि कठुआ जिले के बिलावर इलाके में शनिवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में पुलिस का एक हेड कांस्टेबल शहीद हो गया, जबकि एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) और एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) घायल हो गए।
एडीजीपी ने कहा, “आतंकवादियों की तलाश के लिए कठुआ के जंगलों में व्यापक तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। कल कठुआ जिले के बिलावर के खोग इलाके में संयुक्त अभियान चलाया गया। गोलीबारी में हेड कांस्टेबल बशीर अहमद शहीद हो गए, जबकि एक एएसआई और एक डिप्टी एसपी घायल हो गए, लेकिन उनकी हालत अब स्थिर है।” उन्होंने कहा, “इलाके में तीन से चार आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना है।
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गुरिल्ला हमले कर रहे आतंकी
सूचना से पता चलता है कि वे विदेशी आतंकवादी हैं।” कठुआ में एक अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। कठुआ और आसपास के जिलों में आतंकवादियों के खिलाफ चल रहे अभियान के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस और अन्य बल तीसरे चरण के लिए सुचारू चुनाव सुनिश्चित करेंगे। उल्लेखनीय है कि कट्टर विदेशी भाड़े के आतंकवादी पिछले तीन-चार महीनों से जम्मू संभाग के डोडा, कठुआ, राजौरी, पुंछ और रियासी के पहाड़ी जिलों में सेना, स्थानीय पुलिस और नागरिकों के खिलाफ गुरिल्ला हमले कर रहे हैं। पहाड़ी इलाकों में सेना और आम लोगों पर घात लगाकर हमले करने के बाद आतंकी इन पहाड़ी जिलों के घने जंगल और झाड़ीदार इलाकों में भाग जाते हैं।
घने जंगलों में तैनात किए गए जवान
आतंकियों की इस रणनीति को नाकाम करने के लिए जम्मू संभाग की पर्वत चोटियों और घने जंगलों में चार हजार से ज्यादा जवानों को तैनात किया गया है। सुरक्षा बलों की इस बदली रणनीति के बाद इन जिलों में आतंकी हमलों में भारी कमी आई है। इन इलाकों में सुरक्षा बलों की सर्वव्यापी मौजूदगी के कारण इन इलाकों में आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ की घटनाएं बढ़ गई हैं। विदेशी भाड़े के आतंकियों की चुनौती से निपटने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने के बाद अब तक पांच आतंकी मारे जा चुके हैं।
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