लखनऊः प्रदेश में एक साल तक कोरोना के कारण घर बैठे बच्चों के चेहरे पर सोमवार को प्राथमिक विद्यालयों के खुलने पर बेहद खुशी नजर आई। वहीं शिक्षक भी स्कूल के बच्चों से गुलजार होने पर बेहद प्रसन्न दिखे। इस दौरान कई स्कूलों में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला। अपने स्कूल के साथियों से मुलाकात के बाद बच्चे बेहद रोमांचित थे। हालांकि पहले दिन स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति कम नजर आयी। प्राइमरी स्कूल खुलने पर पहले की तरह ही अभिभावक बच्चों को स्कूल छोड़ने आए। वह बच्चों को समझाते भी नजर आए। बच्चों ने मास्क भी लगा रखा था। वहीं उनके एक साल बाद स्कूल पहुंचने कहीं केक काटा गया तो कहीं उन पर पुष्प वर्षा की गई। कक्षाओं को गुब्बारों से भी सजाया गया। कई जगह रंगोली भी बनायी गयी थी।
इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का भी पालन किया गया। थर्मल स्कैनिंग व मास्क को ठीक से पहनने के बाद ही उन्हें कक्षाओं में प्रवेश दिया गया। ध्यान रखा गया कि सभी बच्चे शारीरिक दूरी बनाकर ही बैठें। बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी के मुताबिक समय-समय पर विभाग की ओर से जो सावधानियां बरती जानी चाहिए, वो दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उनका पालन करते हुए पर्याप्त सेनेटाइजेशन, मास्क और अन्य सावधानियों को ध्यान में रखते हुए बच्चों के स्कूल खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि अभिभावकों के ऊपर बच्चों को स्कूल भेजने का कोई दबाव नहीं होगा। जो अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं, वे स्वेच्छा से भेज सकते हैं और वही बच्चे स्कूल आएंगे। पहले दिन प्रत्येक कक्षा के 50 फीसद बच्चों को ही बुलाया गया है। इसके बाद अगले दिन शेष बचे 50 फीसद बच्चों की कक्षाएं लगेंगी। इस बीच स्कूलों के बंद रहने की वजह से बच्चों की पढ़ाई का जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई के लिए परिषदीय स्कूलों में 100 दिवसीय प्रेरणा ज्ञानोत्सव अभियान संचालित किया जाएगा।
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इसके तहत बच्चों के सीखने-समझने के स्तर का प्रारंभिक आकलन कर उन्हें उपचारात्मक शिक्षा देने पर जोर होगा ताकि वे कक्षा के अनुरूप लर्निंग आउटकम हासिल कर सकें। अभिभावकों को बच्चों की पढ़ाई के प्रति जागरूक करने के लिए विभाग के अधिकारियों और शिक्षकों की ओर से मोहल्लों और गांवों में शिक्षा चौपाल भी आयोजित करने का निर्देश दिया गया है। उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के कारण शासन ने पिछले साल 13 मार्च को प्रदेश में कक्षा एक से आठ तक के सभी स्कूलों को बंद करने का निर्देश दिया था। इसके बाद अक्टूबर 2020 में उच्च कक्षाओं में पढ़ाई शुरू हो गई थी। बाकी कक्षाओं की ऑनलाइन पढ़ाई चल रही थी। प्रदेश में कक्षा 6 से 8 तक के स्कूल 10 फरवरी से खुल गये हैं। वहीं आज से प्राइमरी स्कूल खुले हैं।