श्रीनगरः पूरे देश की तरह ही जम्मू-कश्मीर में भी मंगलवार को ईद (Eid) पूरे धार्मिक उत्साह के साथ मनाई गई। कश्मीर घाटी में पारंपरिक उत्साह के साथ रमजान के उपवास महीने की समाप्ति का प्रतीक ईद-उल-फितर मनाने वाले भक्तों की भावना को बारिश भी कम करने में विफल रही। जहां घाटी में कई जगहों पर बारिश शुरू होने से पहले ईद की नमाज अदा की गई, वहीं बारिश ने बाकी श्रद्धालुओं को नमाज अदा करने से नहीं रोका।
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अधिकारियों ने कहा कि कश्मीर में सबसे बड़ी सभा हजरतबल दरगाह में देखी गई, जहां अनुमानित 80,000 लोगों ने मस्जिद परिसर के अंदर और उससे सटे खुले मैदान में Eid की नमाज अदा करने के लिए बारिश का सामना किया। श्रीनगर शहर के नौहट्टा इलाके में ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में ईद की नमाज की अनुमति नहीं दी गई थी।
अधिकारियों ने बताया कि सभी जिला मुख्यालयों और घाटी के प्रमुख शहरों से ईद की सामूहिक नमाज की खबरें मिली हैं। उन्होंने कहा कि घाटी के किसी भी हिस्से से अब तक किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है और नमाज शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई। वहीं दूसरी ओर जम्मू में भी लोग पूरे उत्साह से साथ ईद का त्योहार मनाया। ईद की नमाज अदा करके लोगों ने एक दूसरे गले मिलकर ईद की बधाई दी। लोग अपने सगे संबंधियों तथा मित्रों के घर जाकर ईद के मौके पर तोहफों का भी आदान-प्रदान करते नजर आए।
बीएसएफ और पाकिस्तानी रेंजर्स ने बांटी मिठाई
जम्मू-कश्मीर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और पाकिस्तान रेंजर्स ने मंगलवार को ईद के मौके पर जम्मू फ्रंटियर के तहत विभिन्न सीमा चौकियों (बीओपी) पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया। इस दौरान सांबा, कठुआ, आरएस पुरा और अखनूर सीमा चौकियों पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया गया है। बीएसएफ जम्मू ने ईद के शुभ अवसर पर पाकिस्तान रेंजर्स को मिठाइयां दीं, जिसके बाद पाकिस्तान रेंजर्स ने भी इसी प्रकार बीएसएफ को मिठाइयां दीं। बीएसएफ सीमा पर प्रभावी ढंग से हावी रहते हुए शांतिपूर्ण और सौहार्द्रपूर्ण माहौल बनाने में हमेशा सबसे आगे रहा है। बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा कि इस तरह के प्रयास सीमा पर दोनों तरफ के बलों के बीच शांतिपूर्ण माहौल और सौहार्द्रपूर्ण संबंध बनाने में मदद करते हैं।
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