धमतरी: धान की तैयार हो रही फसल पर तनाछेदक का प्रकोप होने से किसान परेशान परेशान हैं। रबी धान फसल पर इन दिनों लाल कीट, तनाछेदक व पत्तियों का पीलापन ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। कीटनाशक छिड़काव के बाद भी राहत नहीं है। मौसम के उतार-चढ़ाव को किसान धान फसल में बीमारियां होना बता रहे हैं।
जिले के धमतरी, कुरूद, नगरी और मगरलोड ब्लाक के किसानों ने बोर सिंचाई सुविधा के भरोसे करीब 55 से 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल पर रबी धान फसल की खेती कर रहे हैं। खेतों में पौधा तैयार हो रही है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से मौसम में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। कभी तेज धूप तो कभी ठंड वाला मौसम है। इससे किसान परेशान है।
रबी सीजन में धान फसल की खेती करने वाले किसान उमेश कुमार साहू, पुनारद राम, खिलेश राम, चोवाराम साहू आदि का कहना है कि रबी धान फसल में इन दिनों तेज धूप और गर्मी बढ़ने के कारण तनाछेदक का प्रकोप बढ़ गया है। पौधों में लाल कीट अधिक है। धान की बालियां पीला होने लगा है। इन बीमारियों से बचाव के लिए किसान कीटनाशक का छिड़काव कर रहे हैं, फिर भी फसल को राहत नहीं है।
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सिंचाई पानी की कमी ने भी बढ़ाई चिंता –
किसानों का कहना है कि रबी सीजन में इस साल अधिकाधिक किसानों ने खेतों पर धान फसल की खेती की है। मार्च माह के प्रथम सप्ताह से ही कई किसानों के बोर सिंचाई पंपों में पानी की रफ्तार कम हो गई है। अतिरिक्त पाइप डालने के बाद भी राहत नहीं है। बोर पंपों में पानी की मात्रा अचानक कम होने के कारण सिंचाई के लिए कई तरह की परेशानियां आ रही है। जबकि धान फसल को इस स्थिति में सबसे अधिक सिंचाई पानी की जरूरत पड़ती है। किसानों का कहना है कि ऐसे कई परेशनियाें से किसान इन दिनों जूझ रहे हैं।
कृषि उपसंचालक मोनेश कुमार साहू का कहना है कि रबी सीजन में किसानों को अधिक से अधिक रकबा पर दलहन-तिलहन लेने प्रेरित किया था, क्योंकि रबी में धान फसल के लिए अधिक सिंचाई पानी की जरूरत पड़ती है। रबी धान फसल में यदि बीमारियां है, तो कृषि विशेषज्ञों से राय लेकर कीटनाशक का छिड़काव करें।
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