Ranchi news : टेंडर कमीशन घोटाले में झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED ) झारखंड सरकार के दो मंत्रियों पर शिकंजा करने की तैयारी में जुट गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार को ईडी बादल पत्रलेख और हफीजुल हसन को समन भेजा भेजा है। इन दोनों पर टेंडर दिलाने के बदले कमीशन वसूलने का आरोप है।
जांच में मिले सबूत
ईडी को जांच में उनके खिलाफ ऐसे सबूत मिले हैं। आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर से पूछताछ में ईडी ने कई जानकारियां दी हैं। इसी मामले में ईडी ने ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव आईएएस मनीष रंजन को भी शुक्रवार को पूछताछ के लिए बुलाया है।
बता दें कि मनीष रंजन फिलहाल सड़क, भवन निर्माण एवं भू-राजस्व विभाग के सचिव हैं। ग्रामीण विकास विभाग के सचिव रहते हुए टेंडर पास करने के एवज में अवैध वसूली के मामले में ईडी उनसे पूछताछ करेगी। वहीं, ईडी ने जांच में पाया है कि टेंडर आवंटन में कमीशन के चलते 3000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. कमीशनखोरी से जुटाई गई रकम पाने वालों में राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारी, नेता और मंत्री भी शामिल थे।
ये भी पढ़ेंः- Lok Sabha elections: मायावती ने मीरजापुर में फूंकी ताकत, कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर बोला हमला
ईडी को करीब 150 लोगों के बारे में मिली जानकारी
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ईडी को करीब 150 लोगों के बारे में जानकारी मिली है, जिनके पास कमीशन का पैसा पहुंच रहा था. EDको ग्रामीण विकास विभाग के विभिन्न प्रभागों से 14 इंजीनियरों के नाम भी मिले हैं, जिन्होंने पिछले पांच वर्षों के दौरान कट मनी के जरिए करोड़ों रुपये कमाए हैं. ईडी जल्द ही सभी इंजीनियरों को एक-एक कर समन जारी करेगी।
गौरतलब है कि ईडी ने टेंडर घोटाला मामले में दो दिनों की पूछताछ के बाद 15 मई की देर शाम पूछताछ के दौरान आलमगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया था।