इस अंधविश्वास के चलते इन गांवों में सांपों को कैद में रखने की है परंपरा

कोरबा: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में सांप काटने की घटनाएं जिस तरह से बढ़ रही हैं, उससे आम लोग काफी डरे हुए हैं। जिले के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में सांप काटने के मामले ज्यादा आ रहे हैं। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सर्प दंश होने के बाद सांप को कैद रखने की बातें भी सामने आती हैं, ऐसा ही मामला कोरबा जिले से 35 किलोमीटर दूर करतला थाना अंतर्गत सेंदरी पाली गांव में देखने को मिला है।

3 सितम्बर को घर के मुखिया सूरज कुमार कुर्रे नामक व्यक्ति को जहरीले सांप ने काट लिया। सर्प दंश का शिकार व्यक्ति ने बताया कि वह अपने लिए सब्जी बनाने के लिए चूल्हे के पास रखे लकड़ी को उठाने गया। उसी लकड़ी के ढेर में सांप बैठा हुआ था, लकड़ी उठाते समय गेहुवन सांप ने काट लिया। इतना ही नहीं उस जहरीले सांप ने उस व्यक्ति के उंगली को पकड़ा रखा था और पूरे हाथ में लिपट गया था, जिसके कारण बहुत अधिक मात्रा में जहर उस व्यक्ति के अंदर छोड़ दिया। फिर उसके बाद उस व्यक्ति ने जोर से हाथ को हिलाया तब जाकर सांप ने छोड़ा। सर्प दंश का शिकार व्यक्ति ने अपने परिवार को तुरंत बताया कि मुझे जहरीले सांप ने काट लिया हैं, उस जगह कोई न जाए फिर बिना देरी किए करतला के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अपने परिवार के सदस्य के साथ उपचार के लिए निकल गए।

 गांवों में अंधविश्वास के चलते सांपो को कैद करने का है प्रचलन

सूरज का उपचार करतला के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में 4 दिन तक चलता रहा और उसके घर वालों और गांव वालों ने उस सांप को 4 दिन तक कैद कर के रखा था। गांव वालों का सोचना था जब तक सांप ज़िंदा है सर्प दंश शिकार व्यक्ति ज़िन्दा है। सोमवार को स्नेक रेस्क्यू टीम के गांव पहुंच कर कैद किए सांप को रेस्क्यू किया। साथ ही लोगों को अंधविश्वास में न पड़ने की बात कही। स्नेक रेस्क्यू टीम के प्रमुख जितेंद्र सारथी को उसी गांव वालों रहने वाले व्यक्ति ने संपर्क किया कि सूरज को सांप ने काटा था वह घर पहुँच चुका है और लोग सांप को मारने की बात कह रहे, जिसमें जितेंद्र सारथी ने सूरज कुमार कुर्रे से संपर्क किया और उस सांप को न मारने की बात कही। फिर जितेंद्र सारथी अपने टीम के साथ गांव पहुंचे, जिस जगह सांप को कैद किया गया था वहां से उसको छुड़ाया और सुरक्षित रेस्क्यू किया।