हरिद्वारः ग्रहों के कारण ही पूरा संसार प्रभावित होता है। 4 जून से शनि कुंभ राशि में वक्र गति को प्राप्त हुए। कहा जाता है कि जब कुंभ राशि के शनि धनिष्ठा नक्षत्र में वक्री होते हैं तो भीषण गर्मी व भीषण बारिश होती है। 4 जून से शनि वक्री हो गए हैं। इसी का परिणाम है कि इस बार इतनी भीषण गर्मी पड़ रही है।
करीब 30 वर्षो में ये समय आता है। अभी जल्दी ही इस गर्मी से निजात पाना मुश्किल होगा, परंतु बारिश भी बहुत होगी। ’शनि वक्र कुम्भे धरा तपति भास्कर समान। काल करोती नृत्य रुद्र शूल महान।’ शनि को न्याय को देवता भी कहा जाता है। शनि न्याय प्रिय हैं। इस संवत्सर के राजा भी शनि देव हैं और मंत्री देव गुरु वृहस्पति, इस कारण से शनि के वक्री होने से लोगों को न्याय भी मिलेगा। जो भी अन्याय की राह पर चल रहे हैं अक्टूबर तक दण्ड मिलने की पूरी संभावना है।
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शनि की वक्री चाल से साढ़ेसाती की राषियों पर भी पड़ता है असर
शनि के वक्र अर्थात् विपरीत दिशा में चलने पर शनि की साढ़ेसाती की राशियों पर भी असर पड़ता है। वक्री होने पर शनि की साढ़ेसाती वाली राशियों की मुश्किलें बढ़ जाएगीं। लेकिन शनिवार के दिन कुछ उपाय किए जाने साढ़ेसाती की दषा में राहत मिलती है। इसके लिए हर शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए। इसके साथ ही शनिवार के दिन तेल में अपनी छाया देखकर दान करना चाहिए। गरीबों और जरुरतमंदों को भोजन दान करना चाहिए। इस दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए और हमेषा गरीबों की मदद करनी चाहिए।
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