लखनऊः कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारियों को लेकर प्रदेश में मंगलवार को पूर्वाभ्यास (ड्राई रन) चलाया जा रहा है। यह अभियान प्रत्येक जनपद के छह स्थानों पर किया जा रहा है। इनमें तीन शहरी तथा तीन ग्रामीण क्षेत्र हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में वैक्सीनेशन के ड्राई रन का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री के बिना पूर्व सूचना के पहुंचने के कारण चिकित्सक उन्हें देखकर दंग रह गए। इस दौरान उनके साथ उच्च चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय भटनागर भी मौजूद रहे। लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. ए के सिंह की मौजूदगी में मुख्यमंत्री पूर्वाभ्यास के लिए बने केन्द्र पर कुछ मिनट तक रुके।
इस अवसर पर उन्होंने कोरोना टीकाकरण की व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए ड्राई रन को पूरी गंभीरता एवं प्रतिबद्धता से करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे वैक्सीनेशन कार्य को सुगमतापूर्वक संचालित करने में सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री ने जनपद स्तर पर कोरोना वैक्सीनेशन के सम्बन्ध में किए जा रहे कार्यों की नियमित समीक्षा के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि कोरोना वैक्सीन की सुरक्षित स्टोरेज, प्रभावी कोल्ड चेन व्यवस्था तथा सुगम ट्रांसपोर्टेशन के लिए सभी व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित की जाएं।
आज राजधानी में एसजीपीजीआई, केजीएमयू, लोहिया संस्थान, सहारा, मेदांता, लोकबंधु, रामसागर मिश्र-बीकेटी, एरा मेडिकल कॉलेज के अलावा काकोरी, माल, मलिहाबाद, इंदिरानगर में कोरोना के टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया जा रहा है। सभी केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ताकि इस बार पहले पूर्वाभ्यास के दौरान हुई कमियां दोहरायी न जाएं।
पूरी गतिविधि के माध्यम से बायोमेडिकल वेस्ट का निष्पादन करने, ओब्सेर्वेशन कमरे में लाभार्थी को रखने के बाद वैक्सीन का प्रतिकूल प्रभाव देखने और उसका इलाज करने का ड्राई रन किया जा रहा है। प्रत्येक सत्र के लिए तीन कमरों में टीकाकरण केंद्र बनाया गया है। इसमें सबसे पहले वेटिंग रूम में लाभार्थी का वेरिफिकेशन करने के उपरांत उसे बैठाया गया तथा कोविन पोर्टल पर डाटा अपलोड किया गया।
इसके बाद वैक्सीनेशन रूम पर लाभार्थियों को टीका लगाया गया। वहीं फिर ऑब्जरवेशन रूम में टीकाकरण के बाद लाभार्थियों को करीब आधे घंटे तक बैठाया गया। जहां पर तीस मिनट के भीतर टीका लगने वाले व्यक्ति पर टीके के प्रतिकूल प्रभाव पर विशेष नजर रखी जा रही है।
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इसके लिए एक स्पेशलिस्ट टीम तैनात की गई है, जिसमें डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ शामिल हैं, जो एईएफआई (एडवर्स इफेक्ट फालोइंग इम्युनाइजेशन) किट के साथ देखरेख कर रहे हैं। वैक्सीनेशन के तीस मिनट बाद ही लाभार्थी घर भेजने का निर्देश है।