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अब होगी संचार तंत्र की सुरक्षा, डीआरडीओ ने विकसित की क्यूकेडी ​​तकनीक ​

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नई दिल्लीः ​साइबर युद्ध के इस युग में रणनीतिक स्तर के ​​संचार​ तंत्र की सुरक्षा के लिए ​​रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन​ ​​​(डीआरडीओ) ने क्वांटम ​​की डिस्ट्रीब्यूशन (​क्यूकेडी) तकनीक विकसित की है।​ ​रक्षा और सामरिक हितों के लिए सुरक्षित संचार बहुत महत्वपूर्ण है।​ ​बुधवार को इस ​क्यूकेडी ​​तकनीक का सफलतापूर्वक परीक्षण हैदराबाद स्थित ​डीआरडीओ ​की प्रयोगशालाओं ​डीआरडीएल और आरसीआई में किया गया​​। ​​रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्‍यूकेडी​ ​संचार के सफल प्रदर्शन के लिए डीआरडीओ​ ​टीम को बधाई दी​ है​।

​डीआरडीओ ने​ एक बयान में बताया कि रक्षा और सामरिक एजेंसियों के लिए सुरक्षित संचार दुनिया भर में महत्वपूर्ण है और समय-समय पर एन्क्रिप्शन कुंजी का वितरण इस संदर्भ में एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है। हवा या वायर्ड लिंक पर कुंजियों को साझा करने के लिए एन्क्रिप्शन की आवश्यकता होती है, जिसके लिए डीआरडीओ ने परियोजना शुरू की है।​ ​इस परियोजना का एक लक्ष्‍य आज ​उस समय हासिल किया गया जब डीआरडीओ ने सुरक्षित संचार दिखाने के लिए ​​हैदराबाद में​ प्रयोगशालाओं डीआरडीएल और आरसीआई के बीच ​क्वांटम कुंजी वितरण (क्यूकेडी) तकनीक का परीक्षण किया। ​​यह तकनीक सीएआईआर, बेंगलुरु और डीवाईएसएल-क्यूटी, मुंबई द्वारा विकसित की गई है।​​

​परीक्षण के दौरान संचार की जानकारी प्राप्त करने की कोशिश कर रहे एक तीसरे पक्ष का पता लगाने की पद्धति का भी प्रदर्शन किया​ गया​। जासूसी गतिविधियों के खिलाफ क्वांटम आधारित सुरक्षा 12 किलोमीटर​ ​रेंज में तैनात की गई और इसे सिस्टम और फाइबर ऑप्टिक चैनल पर 10डीबी​ ​क्षीणता के लिए मान्य किया गया।​ सॉफ्टवेयर को डाटा अधिग्रहण, टाइम सिंक्रोनाइज़ेशन, पोस्ट-प्रोसेसिंग, क्वांटम बिट त्रुटि दर निर्धारित करने और अन्य महत्वपूर्ण मापदंडों को निकालने के लिए विकसित किया गया था।​ डीआरडीओ में किए जा रहे काम का उपयोग क्वांटम सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में स्टार्ट-अप और एसएमई को सक्षम करने के लिए किया जाएगा।