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Mandi: जानें कौन हैं डाॅ. तारा देवी, जिन्हें मिला पर्यावरण नेतृत्व पुरस्कार

Mandi: Know who is Dr. Tara Devi, who received the Environmental Leadership Award
  dr.-tara-sen मंडी : शासकीय वल्लभ महाविद्यालय मंडी (Vallabh Government College, Mandi) में वनस्पति विज्ञान की सहायक प्राध्यापक डॉ. तारा देवी सेन को पर्यावरण नेतृत्व पुरस्कार मिला है। डॉ. तारा देवी सेन (Dr. Tara Devi Sen) ने प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और आजीविका संवर्धन पर अपने काम के लिए हिमाचल प्रदेश पर्यावरण नेतृत्व पुरस्कार 21-22 की व्यक्तिगत श्रेणी में यह पुरस्कार प्राप्त किया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और अभिनेत्री दीया मिर्जा की उपस्थिति में उन्हें 25,000 रुपये का नकद पुरस्कार मिला। उनका कार्यक्षेत्र वनस्पति विज्ञान और जैव विविधता संरक्षण है, जिसमें जंगली खाद्य पौधों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इससे पहले, सामुदायिक जागरूकता, शिक्षा, जन जैव विविधता रजिस्टर की तैयारी, जैविक संसाधनों के सतत उपयोग और संरक्षण के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें शाइन इंडिया जैव विविधता पुरस्कार 2021 प्राप्त हुआ है। यह भी पढे़ंः-Cyclone Alert: तेजी से आगे बढ़ रहा चक्रवात ‘बिपरजोय’, इन जिलों में होगी भारी बारिश

15 सालों से फैला रहीं जागरुकता - 

डॉ. तारा देवी सेन (Dr. Tara Devi Sen) वर्तमान में वल्लभ महाविद्यालय, मंडी (Vallabh Government College, Mandi) में वनस्पति विज्ञान की सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यरत हैं। वह पिछले 15 वर्षों से महिलाओं, महिला मंडलों और स्वयं सहायता समूहों और स्कूली बच्चों के लिए उपलब्ध जंगली पोषण और औषधीय खाद्य पौधों के सतत उपयोग के लिए हिमाचल प्रदेश के स्कूलों और दूरदराज के क्षेत्रों में दौरे के माध्यम से सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम चला रही हैं। हैं। वह प्रिंट और सोशल मीडिया के माध्यम से लॉकडाउन के दौरान भी सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रमों में गहराई से शामिल हैं।

जंगली खाद्य व औषधीय पौधों की बनाई नर्सरी -

डॉ. तारा (Dr. Tara Devi Sen) ने मंडी जिले (Mandi) के पांच ब्लॉकों के जन जैव विविधता रजिस्टर की तैयारी के लिए काम किया है और वृक्षारोपण और वितरण के लिए जंगली खाद्य और औषधीय पौधों की एक छोटी नर्सरी तैयार की है। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर 225 स्थानीय जंगली खाद्य पौधों पर लेख शामिल किए हैं। इसके अलावा उन्होंने पादप विज्ञान, वन्य खाद्य पौधों और सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रमों पर 400 से अधिक वीडियो के साथ एक YouTube चैनल को भी होस्ट किया है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)