लखनऊः प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि हमारे चिकित्सकों को नई चुनौतियों का सामना करने और चिकित्सा विज्ञान में हो रहे नित नये अनुसंधान के साथ चलने के लिये तैयार रहना चाहिए। उभरते हुए रोगों पर अनुसंधान करना ही एक ऐसा सबसे बेहतर तरीका है, जिससे हम रोगों की रोकथाम के उपाय करने के लिये तैयार रह सकते हैं। राज्यपाल ने शनिवार को राजधानी के डाॅ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रथम स्थापना दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर उन्होंने विशिष्ट सेवाओं के लिए छात्र-छात्राओं को स्वर्ण प्रदक एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किये।
श्रीमती पटेल ने चिकित्सकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि कोरोना काल में जनमानस में चिकित्सकों एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति विश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि अभी कोरोना से जंग समाप्त नहीं हुई है। वैक्सीनेशन का कार्य चल रहा है, जिसको सब तक पहुंचाने में चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को बड़ी जिम्मेदारी निभानी है। राज्यपाल ने चिकित्सा संस्थानों में स्थित चिकित्सा वार्डों खासकर बाल एवं महिला वार्डों पर चर्चा करते हुये कहा कि यदि वार्डों की दीवारों पर शिक्षाप्रद बातें लिखी जायें तथा बीमार बच्चों के लिए खेलकूद के सामान तथा पोषण सामग्री रखी जाये तो इलाज के लिये आने वाले बच्चों का ध्यान बीमारी से हटाकर उसकी ओर आकर्षित होगा तथा वे जल्दी स्वस्थ होंगे। इस प्रकार के प्रयोगों पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने पदक पाने वाले चिकित्सकों से कहा कि वे अच्छी सोच के साथ अपने संस्थान को विकसित करें। उसे उत्कृष्ट श्रेणी का बनाये। उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक शिक्षा से ही बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा विभिन्न रुचिकर माध्यमों से दी जानी चाहिए। राज्यपाल ने सुझाव दिया कि यदि संस्थान 10-15 ग्राम प्रधानों को बुलाकर उन्हें स्वास्थ्य शिक्षा के प्रति जागरूक करेंगे तो वे अपने गांव में भी स्वास्थ्य शिक्षा का उजाला बिखेरेंगे।
यह भी पढ़ेंःसंघ के सरकार्यवाह के तौर पर हो.वे. शेषाद्री का कार्यकाल रहा…
कार्यक्रम में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि मानव जन्म प्राप्त करना सौभाग्य है लेकिन डॉक्टर बनना परम सौभाग्य है। उन्होेंने कहा कि परहित से बढ़कर कार्य धर्म नहीं है। मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि यह उत्तर प्रदेश का एक विशिष्ट चिकित्सा संस्थान है। यहां ब्रांड स्पेशियलिटी में भी अध्ययन-अध्यापन, अनुसंधान एवं चिकित्सा उपचार का कार्य सम्पादित होता है। आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक अरूण कुमार सिंह ने कहा कि संस्थान सरकार द्वारा संचालित असाध्य रोग योजना के अन्तर्गत कैंसर, हृदय रोग, किडनी तथा लीवर के मरीजों को निःशुल्क एवं आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों को भी उच्चस्तरीय उपचार उपलब्ध करा रहा है।