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कोरोना टीकाकरण पर भारी पड़ रहीं अव्यवस्थाएं

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लखनऊः कोरोना संक्रमण की रफ्तार भले ही तेज हो गयी है और राजधानी में मरीजों का आंकड़ा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, पर स्वास्थ्य महकमा इसको लेकर गंभीर नही दिख रहा है। स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण के दौरान गाइडलाइन्स की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यहां न तो मास्क की अनिवार्यता दिख रही है और न ही सेनेटाइजर व सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत।

यह हाल इंदिरा नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है। 30 बेड और प्रतिदिन औसतन 150-200 ओपीडी वाले नगरी स्वास्थ्य केंद्र पर अव्यवस्थओं का बोल-बाला है। पिछले दिनों अलीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर टीकाकरण में फर्जीवाड़े की बात सामने आयी थी। ऐसी ही शिकायत इस केंद्र पर भी देखने को मिली। मौजूद लोगों ने बताया कि कुछ दिन पहले ही ऑनलाइन पंजीकरण के बावजूद बुजुर्गों से दोबारा मौके पर पंजीकरण कराया गया। इसकी वजह से बुजुर्गों को खासी दिक्कतें झेलनी पड़ी थी। ऑफलाइन पंजीकरण के लिए बुजुर्गों की लंबी लाइन लग गई। 70 से 90 साल के बुजुर्गों को टीके लिए घंटों इंतजार करना पड़ा।

कोरोना गाइडलाइन की खूब उड़ रही धज्जियां

कोरोना से आम आदमी को बचाने के लिए 45 साल से ऊपर के लोगों का टीकाकरण पहली अप्रैल से प्रारम्भ हो गया है। इंदिरा नगर स्वास्थ्य केंद्र पर भी भारी संख्या में लोग केारोना का टीका लगवाने पहुंच रहे हैं, लेकिन पंजीकरण खिड़की पर लगी लंबी लाइन में कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां जमकर उड़ाई जा रही हैं। लोग एक-दूसरे से चिपके खड़े थे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कहीं भी होता नजर नहीं आया। यही नही पंजीकरण कराने आए लोगों का आरोप है कि जान पहचान और ऊंचे ओहदेदार लोगों के लिए अलग नियम है और आम आदमी के लिए अलग। आम आदमी घंटों लाइन में लगकर पंजीकरण करा रहा है, जबकि जान पहचान वालों को पंजीकरण कराने वाले खुद स्पेशल ट्रीटमेंट दे रहे हैं।

धीमी गति से चल रहा टीकाकरण अभियान

भारी अव्यवस्था के चलते स्वास्थ्य केंद्र पर टीकाकरण अभियान गति नहीं पकड़ पा रहा है। अस्पताल में अव्यवस्था का आलम यह है कि कभी कहा जाता है कि ऑनलाइन पंजीकरण यहां पर बंद है तो कभी कहा जाता है कि ऑनलाइन काम होता ही नहीं। सिर्फ ऑफलाइन वाले ही पंजीकरण करा कर टीका लगवा सकते हैं।

दवाओं की कमी भी बड़ी समस्या

स्वास्थ्य केंद्र पर दवाओं की अनुपलब्धता भी मरीजों के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है। हालांकि चीफ फार्मासिस्ट ने बताया कि यहा पर दवाओं की कोई विशेष कमी नहीं है, लेकिन दवाओं को लेने के तरीके में थोड़ी परेशानी जरूर हो रही है। बताया कि पहले हमें दवाएं सीएमओ ऑफिस से मिल जाती थी, पर अब दवाएं सप्लायर से लेनी पड़ रही हैं। सप्लायर के यहां पर जिनका नाम फीड है उन्हें ही दवा दी जा रही है। अभी इंदिरा नगर सीएचसी का नाम उनकी लिस्ट में नहीं है, इसलिए हमें सीधे दवा नहीं मिल रही। हमारे अंडर में 5 पीएचसी है, जिनका नाम सप्लायर की लिस्ट में है हम उनके नाम से ही दवाएं ले रहे हैं।

हम लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है। शिकायतों पर विशेष ध्यान देकर उनका जल्द निपटारा किया जाएगा। किसी को भी विशेष ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा है। लोगों से अपील है कि वह कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए टीकाकरण अभियान से जुड़ें।
डॉ. रश्मि गुप्ता मेडिकल सुपरिटेंडेट, नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, इंदिरा नगर