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जन धन बैंक खातों में जमा राशि 1.5 लाख करोड़ के पार, साढ़े सात साल पहले शुरू हुई थी योजना

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत खोले गए बैंक खातों में जमा राशि 1.5 लाख करोड़ रुपये के आंकड़ा पार कर गया है। इस योजना की शुरुआत सरकार ने करीब साढ़े सात साल पहले की थी। वित्त मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 44.23 करोड़ से अधिक जन धन खातों में जमा राशि दिसंबर, 2021 के अंत तक 1,50,939.36 करोड़ रुपये हो गई है। वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने वाली इस योजना ने पिछले साल अगस्त में क्रियान्वयन के 7 वर्ष पूरे किए थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जनधन योजना शुरू करने का ऐलान किया था। आंकड़ों के मुताबिक कुल 44.23 करोड़ जन धन खातों में से 34.9 करोड़ खाते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में और 8.05 करोड़ खाते क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में है, जबकि शेष 1.28 करोड़ खाते निजी क्षेत्र के बैंकों में खोले गए हैं। पीएमजेडीवाई के तहत 31.28 करोड़ लाभार्थियों को रुपे कार्ड जारी किया गया है। समय के साथ रुपे कार्ड की संख्या और इसका इस्तेमाल बढ़ा है। इस योजना के पहले साल में 17.90 करोड़ खाते खोले गए थे। आंकड़ों के अनुसार 29.54 करोड़ जन धन खाते ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी बैंक शाखाओं में हैं।

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29 दिसंबर, 2021 तक कुल जन धन खाताधारकों में से 24.61 करोड़ महिलाएं थीं। सरकार ने पिछले महीने संसद को सूचित किया था कि 8 दिसंबर, 2021 तक जन धन खातों में शून्य शेष या बैलेंस वाले खातों की संख्या 3.65 करोड़ थी, जो कुल जन धन खातों का 8.3 फीसदी बैठता है। उल्लेखनीय है कि किसी खाताधारक के द्वारा किए गए लेन-देन के आधार पर जन धन खातों में शेष या बैलेंस रोजाना के आधार पर बदल सकता है। वहीं, किसी दिन खाते में ‘बैलेंस’ शून्य पर भी आ सकता है। इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वित्तीय उत्पादों और सेवाओं को देश के सभी नागरिकों तक आसानी से और किफायती मूल्य पर उपलब्ध कराया जा सके।

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