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दुर्गा कॉलेज को सरकार के अधीन लेने की मांग को लेकर छात्राओं का प्रदर्शन

फतेहाबाद: श्रीदुर्गा महिला महाविद्यालय को सरकारी कॉलेज बनाये जाने की मांग को शुक्रवार को तीसरे दिन भी महाविद्यालय की छात्राओं का अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा। छात्राओं ने अपनी मांग को लेकर डांगरा रोड स्थित कैबिनेट मंत्री देवेंद्र बबली के कार्यालय तक पैदल मार्च निकाला और मंत्री की अनुपस्थिति में उनके निजि सचिव निशांत कामरा को ज्ञापन सौंपा।

बाद में छात्राओं ने लघु सचिवालय में जाकर एसडीएम कार्यालय पर भी प्रदर्शन करते हुए दुर्गा कॉलेज को सरकारी कॉलेज बनाने की मांग को लेकर एसडीएम की अनुपस्थिति में नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। इस प्रदर्शन में इंदिरा गांधी कॉलेज के एबीवीपी के प्रतिनिधि भी शामिल थे।

प्रदर्शनकारी छात्राओं ने बताया कि यह महाविद्यालय टोहाना शहर का एकमात्र महिला महाविद्यालय है, जोकि श्री दुर्गा महिला महाविद्यालय समिति द्वारा वर्ष 2003 से चलाया जा रहा है। इसमें टोहाना व आसपास के क्षेत्रों की सभी वर्गों की छात्राएं बीए, बीकाम, बीसीए एवं बीबीए संकाय में उच्चतर शिक्षा ग्रहण करने आती है। उन्होंने बताया कि इस महाविद्यालय को वर्ष 2003-04 सत्र से चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के द्वारा बीए, बीकाम कक्षाएं शुरू करने के लिए अस्थायी मान्यता प्रदान की थी। 18 वर्ष बीतने के बाद भी इस महाविद्यालय को स्थायी मान्यता नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि 2015 में छात्राओं की संख्या 603 थी जोकि अब 2021-22 में घटकर 480 रह गई है। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय में अधिक फीस होने के कारण गरीब अभिभावक बच्चों को यहां शिक्षा दिलवाने में असमर्थ है, जिसके कारण बहुत सी छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने से वंचित रह जाती है।

उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से कैबिनेट मंत्री से मांग की कि श्रीदुर्गा महिला महाविद्यालय सरकार के 80 प्रतिशत मानदंडों को पूरा करता है जबकि सरकार को केवल 20 प्रतिशत मानदंड को ही पूरा करना है। उन्होंने कहा कि टोहाना एवं क्षेत्र के आसपास कोई राजकीय महिला महाविद्यालय नहीं है, इसलिए इसी महाविद्यालय को सरकार अपने अधीन लेकर यहां छात्राओं के लिए उच्च शिक्षा से लेकर अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाए। छात्राओं ने बताया कि इस संदर्भ में वह पहले भी दो बार एसडीएम को ज्ञापन दे चुकी है और आज तीसरी बार ज्ञापन दे रही है। उन्होंने इस संदर्भ में सीएम विंडो में भी अपनी मांग रखी है ताकि सरकार द्वारा चलाए जा रहे बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान व महिला सशक्तिकरण की उचित मिसाल कायम हो सके।

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