नई दिल्लीः व्यापारियों के एक प्रमुख संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स( CAIT) ने पेय पदार्थों पर वस्तु एवं सेवा कर( GST) की दर में कटौती की मांग की है । CAIT ने पेय पदार्थों पर 28 फीसदी की दर में कटौती की मांग करते हुए कहा कि उपकर लगाने के बाद छोटे व्यापारियों की पूंजी फंस जाती है क्योंकि प्रभावी दर 40 फीसदी हो जाती है ।
सोमवार को जारी एक बयान में, CAIT ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला से पेय पदार्थों पर GST दर को कम करने पर विचार करने का आग्रह किया । व्यापार निकाय ने चीनी आधारित कर( SBT) व्यवस्था में बदलाव का सुझाव दिया है, जिसमें उत्पादों में चीनी सामग्री के आधार पर कर की दरें तय की जाती हैं ।
CAIT के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि पेय पदार्थों में चीनी बहुत कम या ना के बराबर होती है । इसलिए इस व्यवस्था को लागू करने से कर का बोझ कम होगा, जिससे खुदरा विक्रेताओं के पास अधिक कार्यशील पूंजी होगी । साथ ही वे अपनी बिक्री बढ़ाकर अपनी आमदनी दोगुनी कर सकेंगे । इससे आम लोगों के घरेलू खर्च में भी कमी आएगी । उन्होंने कहा कि कैट का यह प्रस्ताव 2023 के आर्थिक सर्वेक्षण में की गई सिफारिशों के अनुरूप भी है, जिसमें सुझाव दिया गया था कि भारत को खाद्य सुरक्षा से पोषण सुरक्षा की ओर बढ़ना चाहिए ।
खंडेलवाल ने बताया कि कैट इस मुद्दे पर एक राष्ट्रीय अभियान शुरू करने जा रहा है, जिसमें परिवहन, किसान, छोटे उद्यमी, फेरीवाले, महिला उद्यमी और नागरिक जैसे सभी हितधारक भी शामिल होंगे । खंडेलवाल ने कहा कि हमारा प्रस्ताव कम या बिना चीनी वाले पेय पदार्थों को बढ़ावा देकर उपभोक्ताओं के लिए प्रमुख स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है । उन्होंने कहा कि CAIT ने हंसा रिसर्च के सहयोग से’ डबलिंग रिटेलर्स इनकम’ पर एक श्वेत पत्र भी जारी किया है जिसमें पेय पदार्थ क्षेत्र पर ध्यान दिया गया है ।
कैट महासचिव ने कहा कि 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पेय पदार्थों और अन्य वस्तुओं पर लागू GST की दर को कम करने का आग्रह किया गया है । छोटे कारोबारियों पर GST की इतनी ऊंची दर से उनका कारोबार प्रभावित हो रहा है । उन्होंने कहा कि अगर GST को सरल कर दिया जाए तो छोटे और मझोले व्यापारियों की आय दोगुनी की जा सकती है । खंडेलवाल ने कहा कि इन छोटे व्यापारियों में किराना स्टोर, जनरल स्टोर, पान की दुकान आदि शामिल हैं, जिनमें कम से कम 30 प्रतिशत कारोबार पेय पदार्थों का कारोबार करने वाले व्यापारियों द्वारा किया जाता है ।
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गौरतलब है कि GST परिषद ने 17 सितंबर, 2021 को कार्बोनेटेड पेय उत्पादों पर 28 फीसदी की दर से GST और 12 फीसदी उपकर लगाने का फैसला किया था ।
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