कोलकाता: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों और उनके मंदिरों व संपत्तियों पर बढ़ते हमलों को लेकर बांग्लादेश उत्तराधिकार मंच ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनकी धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।
भारत से मदद की गुहार
संगठन ने भारत से भी मदद की अपील की है। संगठन के अध्यक्ष रियाज मन्नान ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों और उनके मंदिरों व संपत्तियों पर बढ़ते हमलों को लेकर गहरी चिंता जताई है। संगठन की ओर से जारी सूचना के अनुसार बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं की धार्मिक आस्था को निशाना बनाया जा रहा है। मंदिरों पर हमले, मूर्तियों को तोड़ना और हिंदुओं की संपत्तियों को नष्ट करना आम बात हो गई है।
संगठन ने कहा- Bangladesh पर बनाइए दबाव
इन घटनाओं ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचा है, लेकिन सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। संगठन ने बांग्लादेश सरकार से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और धार्मिक स्थलों पर हमलों तथा अल्पसंख्यकों की संपत्तियों पर कब्जे को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की है। संगठन ने भारत से अपील करते हुए कहा है कि भारत सरकार इस मामले को गंभीरता से ले और बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाए।
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मानवाधिकार उल्लंघनों की जांच
मंच ने कहा कि बांग्लादेश के प्रमुख साझेदार के तौर पर भारत को वहां अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठानी चाहिए। इसके साथ ही बांग्लादेश उत्तराधिकार मंच ने संयुक्त राष्ट्र से भी अपील की है कि वह बांग्लादेश में हो रहे इन मानवाधिकार उल्लंघनों की जांच करे और अल्पसंख्यकों को न्याय दिलाने के लिए कदम उठाए। संगठन का कहना है कि अगर बांग्लादेश सरकार जल्द ही कार्रवाई नहीं करती है तो यह मामला और गंभीर हो सकता है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी इसे मानवाधिकार उल्लंघन का मुद्दा मानते हुए हस्तक्षेप करने की अपील की।
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