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दिल्ली दंगा 2020:19 सितंबर तक जांच की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें, कोर्ट का दिल्ली पुलिस को निर्दश

नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़ी एक बड़ी साजिश के मामले में उमर खालिद और अन्य आरोपियों के खिलाफ दर्ज मामले पर सोमवार को सुनवाई की। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को इस मामले में जांच की स्टेटस रिपोर्ट कल यानी 19 सितंबर तक दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी।

वकील ने मामले की जांच पर उठाए सवाल 

आज मीरान हैदर की ओर से पेश वकील ने मामले की जांच पर सवाल उठाए और कहा कि दिल्ली पुलिस साढ़े तीन साल से इस मामले की जांच कर रही है। जांच पूरी हुई या नहीं और नहीं तो कब तक पूरी होगी? आज आरोपियों पर मुकदमा नहीं बल्कि जांच चल रही है। मौजूदा तथ्यों के आधार पर पूरक आरोप पत्र दाखिल किया जा रहा है। ऐसे में पुलिस को बताना चाहिए कि जांच की स्थिति क्या है। इससे पहले 14 अगस्त को आरोपी मीरान हैदर और सफूरा जरगर की ओर से कहा गया था कि वे जानना चाहते हैं कि मामले में उनके खिलाफ पुलिस जांच पूरी हो गई है या नहीं। पुलिस को बताना चाहिए कि जांच पूरी हुई है या नहीं और अगर जांच पूरी नहीं हुई है तो कब पूरी होगी, साथ ही जांच अभी किस स्तर पर है। इसके अलावा पुलिस को बताना चाहिए कि उन पर क्या आरोप लगाए गए हैं। आरोपियों की ओर से कहा गया कि मामले में आरोप तय होने हैं, लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि जांच की स्थिति क्या है। अगर भविष्य में जांच एजेंसी मामले में पूरक आरोप पत्र दाखिल करती है तो इसका असर केस और याचिका पर भी पड़ेगा।

 इन्हें मिली है जमानत 

11 सितंबर को सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से पेश वकील ने कहा था कि दिल्ली पुलिस को बताना चाहिए कि जांच पूरी हुई है या नहीं। तब दिल्ली पुलिस ने कहा था कि मामले में आरोपी देवांगन कलिता और आसिफ इकबाल तन्हा जमानत पर हैं, इसलिए वे जानबूझकर मामले में देरी कर रहे हैं। इस मामले में चार आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। 2 मार्च 2021 को कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ दायर तीसरी पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। कोर्ट ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि संज्ञान लेने से पहले ही आरोपपत्र लीक किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा था कि संज्ञान लेने से पहले ही आरोप पत्र लीक होने का चलन परेशान करने वाला है। मीडिया रिपोर्टिंग, खासकर सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा हमेशा होती रहती है। कोर्ट ने कहा था कि मीडिया खबरें कवर करने के लिए स्वतंत्र है लेकिन उन्हें अपने रुख को लेकर सावधान रहना चाहिए। स्पेशल सेल ने 24 फरवरी, 2021 को तीसरी पूरक चार्जशीट दायर की थी। फोरेंसिक साक्ष्य और अन्य तकनीकी परीक्षणों के आधार पर, आरोप पत्र में विवरण दिया गया है कि दंगों की साजिश कैसे रची गई थी। दंगा करने वालों ने एक साजिश के तहत दंगे के दौरान कई इलाकों में सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए थे। सीसीटीवी तोड़ने वालों की पहचान कर ली गई है।

इन धाराओं में लगे है आरोप

कोर्ट ने 22 नवंबर, 2020 को उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था। दिल्ली पुलिस स्पेशल ने 22 नवंबर, 2020 को उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया था। पूरक आरोप पत्र में स्पेशल सेल ने धारा 120बी, 109, 124ए, 147,148,149, 153ए, 186, 201, 212, 295, 302, 307, 341 के अलावा यूएपीए की धारा 13, 16, 17 और 18 भी लगाई है। धारा 395,419,420,427,435,436,452,454, 468, 471 और 43 के अलावा शस्त्र अधिनियम की धारा 25 और 27 और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा 3 और 4 के तहत आरोप दर्ज किए गए हैं। इस मामले में सफूरा जरगर, ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा, शफा उर रहमान, आसिफ इकबाल तन्हा, शादाब अहमद, तस्लीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अतहर खान, शरजील इमाम, फैजान खान, नताशा नरवाल और देवांगन कलिता को आरोपी बनाया गया है। इनमें सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तन्हा, देवांगन कलिता और नताशा नरवाल को जमानत मिल चुकी है।

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