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चुनाव आयुक्त की नियुक्ति संबंधी याचिका पर सुनवाई करेगा दिल्ली हाईकोर्ट

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नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्य सचिव विजय कुमार देव की 21 अप्रैल, 2022 से दिल्ली के चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका को उच्च न्यायालय में 15 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। प्रधान न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की अध्यक्षता वाली पीठ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक डॉ. नंद किशोर गर्ग द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई अगले बुधवार के लिए स्थगित कर दी।

अधिवक्ता शशांक देव सुधी के माध्यम से दायर की गई याचिका में दिल्ली सरकार से चुनाव आयुक्त के रूप में देव की नियुक्ति के आदेश को वापस लेने का निर्देश देने की मांग की गई है। यह बताते हुए कि यह नियम का उल्लंघन है और यह दिल्ली नगर निगम के आगामी निर्धारित चुनाव को प्रभावित करने के लिए 'निहित स्वार्थो को प्रेरित करेगा'। याचिका में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि यह आदेश संविधान के अनुच्छेद 243के का भी उल्लंघन है।

याचिका में आगे आरोप लगाया गया है कि नियुक्ति राजनीति से प्रेरित है, क्योंकि मुख्य सचिव को दिल्ली सरकार के सभी प्रशासनिक और नीतिगत फैसलों की जानकारी होती है और दिल्ली नगर निगम में चुनाव आयुक्त जैसे पद पर रहने से चुनाव प्रक्रिया के परिणाम में हेरफेर की हो सकती है। याचिका में चुनाव प्रक्रिया के परिणाम में हेरफेर की संभावना से भी इनकार किया गया है।

याचिकाकर्ता ने आदेश को समयपूर्व बताते हुए चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए एक व्यापक दिशा-निर्देश की मांग की, ताकि चुनाव में निष्पक्षता और तटस्थता सुनिश्चित की जा सके। 1987 बैच के आईएएस अधिकारी विजय कुमार देव, एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेशों) कैडर से हैं, जिन्होंने 2018 में राष्ट्रीय राजधानी के मुख्य सचिव के रूप में अंशु प्रकाश की जगह पदभार ग्रहण किया।

पिछला नगरपालिका चुनाव अप्रैल 2017 में दिल्ली में हुआ था। तीन निगमों - पूर्व, उत्तर और दक्षिणी दिल्ली नगर निगमों में निर्वाचित सरकार का पांच साल का कार्यकाल अप्रैल 2022 में समाप्त होने वाला है और 272 नगर पार्षदों का चुनाव होगा।