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जलजमाव रोकने के लिए युद्धस्तर पर तैयारी कर रही है केजरीवाल सरकार, अभी से बनाया प्लान

नई दिल्लीः केजरीवाल सरकार ने मानसून के दौरान दिल्ली में होने वाले जलजमाव को रोकने के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां कर रही है। इस बाबत पीडब्ल्यूडी ने राजधानी के विभिन्न मुख्य जलजमाव वाले स्थानों को चिह्नित कर ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का काम कर रही है, जो भारी बारिश के दौरान भी जलजमाव की स्थिति पैदा नही होने देंगे।

शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने इन तैयारियों का जायजा लेने के लिए विभागीय अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून से पहले सभी चिह्नित स्थानों पर जलजमाव को रोकने संबंधी किए जा रहे सभी कार्य पूरे हो जाने चाहिए ताकि मानसून के दौरान आम जनता को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

मंत्री ने अधिकारीयों को निर्देश देते हुए कहा कि मानसून से पहले एक निश्चित टाइमलाइन के साथ पीडब्ल्यूडी के नालों की डी-सिल्टिंग का काम पूरा हो जाना चाहिए और उन्हें साप्ताहिक आधार पर उसकी रिपोर्ट पेश की जाए।

आतिशी से जानकारी साझा करते हुए अधिकारियों ने बताया कि पीडब्ल्यूडी ने दिल्ली भर में जलजमाव के 165 पॉइंट्स और पांच गंभीर जलजमाव वाले क्षेत्र चिह्नित किए हैं। इन जगहों पर जलजमाव की समस्या को रोकने के लिए पीडब्ल्यूडी पूरी तरह से तैयार है।

जलजमाव को रोकने के लिए क्या है केजरीवाल सरकार की तैयारियां:

-दिल्ली में पीडब्ल्यूडी ने 128 पंप हाउस स्थापित किए हैं, जिनमें 700 से अधिक पंप है।

-11 पंप हाउस पूरी तरह से आटोमेटिक हैं, जो सेंसर के माध्यम से पानी के स्तर के बढ़ते ही स्वत: शुरू हो जाते हैं।

-मानसून में जरूरत पड़ने पर पीडब्ल्यूडी अपने मोबाइल पंप यूनिट भी तैनात करेगी।

-पीडब्ल्यूडी के नालों की डी-सिल्टिंग का काम जारी है और 31 मई तक पहले फेज की डी-सिल्टिंग का काम पूरा हो जायेगा।

– मानसून के दौरान पीडब्ल्यूडी का सेंट्रल कंट्रोल रूम गंभीर जलजमाव वाले स्थानों की 24 घंटे सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी करेगा।

-इसके अतिरिक्त पीडब्ल्यूडी 10 अन्य स्थानों पर कंट्रोल रूम स्थापित करेगी।

-लोग जलजमाव संबंधित शिकायतें दर्ज कर सकें, इसके लिए पीडब्ल्यूडी मानसून के दौरान हेल्पलाइन नंबर जारी करेगा।

-पीडब्ल्यूडी ने 165 जलजमाव वाले क्षेत्र चिह्नित किए हैं, जहां की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जलजमाव से निपटने की तैयारी की जा रही है।

पीडब्ल्यूडी ने चिह्नित किए पांच गंभीर जलजमाव वाले स्थान:

-न्यू रोहतक रोड, अंडर ज़खीरा फ्लाईओवर, लोनी रोड गोलचक्कर, जहांगीरपुरी मेट्रो स्टेशन और कराला कंझावला रोड शामिल है।

इन गंभीर जलजमाव वाले क्षेत्रों में पीडब्ल्यूडी मौजूदा पंप हाउस की क्षमता बढ़ाने, ड्रेन-मॉडिफिकेशन, नई ड्रेन बनाने सहित अन्य कई उपाय कर रही है।

तीन गंभीर जल जमाव वाले क्षेत्रों में पीडब्ल्यूडी ने जलजमाव की समस्या उत्पन्न नहीं होने दी:

पीडब्ल्यूडी ने यहां एक अतिरिक्त ड्रेनेज लाइन बनाई। जलजमाव वाले स्थान पर 24 घंटे सीसीटीवी कैमरा से निगरानी रखी जाती है। आटोमैटिक वाटर लेवल पंप लगाये गए हैं।

– पुल प्रह्लादपुर अंडरपास: दो साल पहले तक मानसून के दौरान यहां कई बार जलजमाव हुआ। दोबारा कभी ऐसी समस्या उत्पन्न न हो, इसके लिए पीडब्ल्यूडी यहां 7.5 लाख लीटर क्षमता का एक भूमिगत संप का निर्माण करवाया है और 600 हॉर्सपावर का एक स्थायी पम्प हाउस भी स्थापित किया गया है। इससे पिछले मानसून में यहां जलजमाव की समस्या नहीं हुई।

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-आईपी एस्टेट रिंग रोड, डब्लूचओ बिल्डिंग के सामने: रिंग रोड पर जलजमाव की समस्या को खत्म करने के लिए यहां पिछले साल 5 लाख लीटर की क्षमता वाले पम्प का निर्माण करवाया गया। साथ ही 650 मीटर की ड्रेनेज लाइन स्थापित की गई। इससे पिछले साल मानसून में भारी बारिश के कारण भी यहां जलजमाव की समस्या उत्पन्न नहीं हुई।

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